दिल्ली सीमा पर जारी ‘किसान’ आंदोलन में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों पर किसानों के हमलों के मामले में नरेला पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच के दो असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर 10 जून को प्रदर्शन स्थल की तस्वीरें खींच रहे थे, उसी दौरान ‘किसानों’ ने उन पर हमला कर दिया।
इस मामले में जब भारतीय किसान यूनियन के नेता व राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपनी सफाई दी है। टिकैत ने कहा, “वो (पुलिसकर्मी) सिविल ड्रेस में होंगे, किसानों को लगा होगा कि चैनल के लोग हैं और हमें गलत तरह से दिखाते हैं। हमारे लोग मारपीट नहीं करते। पुलिस और सरकार तो चाहती है कि हम किसानों के साथ पंगेबाजी करें।”
वो(पुलिसकर्मी) सिविल ड्रेस में होंगे, उनको लगा होगा कि चैनल के लोग हैं और हमें गलत तरह से दिखाते हैं। हमारे लोग मारपीट नहीं करते। पुलिस और सरकार तो चाहती है कि हम किसानों के साथ पंगेबाजी करें: राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता https://t.co/U5amarPAxT pic.twitter.com/8R8eF32JQd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 12, 2021
वहीं, केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ ‘किसानों’ के विरोध को करीब 200 दिन हो गए हैं। ‘किसानों’ ने आंदोलन को तेज करने के लिए देश भर के राजभवनों के सामने 26 जून को प्रदर्शन करने की योजना बनाई है। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के एक नेता ने शुक्रवार को कहा, “26 जून को किसानों का विरोध प्रदर्शन होगा और काले झंडे दिखाए जाएँगे। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को एक ज्ञापन भी भेजा जाएगा।”
भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता धर्मेंद्र मलिक ने आईएएनएस को बताया कि 26 जून को “कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस” के रूप में मनाया जाएगा। वहीं, राजभवन में काले झंडे दिखाकर और हर राज्य में राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर ‘हम अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे।’
इस बीच, ‘किसानों’ ने सीमा पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी चिंता व्यक्त की है। ‘किसानों’ के मुताबिक शनिवार तक आंदोलन स्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए कमेटी गठित कर दी जाएगी। जबकि सच्चाई यह है कि इन्हीं आंदोलनों में एक नहीं रेप के 2-3 आरोप लगे हैं। एक में आम आदमी पार्टी के नेता भी आरोपित हैं। एक में 4 किसान नेताओं सहित 6 पर आरोप है।