तमिलनाडु के मइलादुथुराई के पास निदुर में तबलीगी जमात से जुड़े एक मदरसे पर पुलिस ने छापा मारा। 12 मौलीवी यहॉं छिपे मिले। इनमें 5 फ्रांस, 3 कैमरून, 1 कांगो, 1 बेल्जियम और 1 बांग्लादेश का नागरिक है। इन सभी के पासपोर्ट जब्त कर लिए गए हैं।
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण का सबसे बड़ा स्रोत बन चुके यह तबलीगी जमात सबके आश्चर्य का विषय बन गया है। ट्विटर यूजर्स ने इस पर हैरानी जताते हुए लिखा है कि यह चैंकाने वाली बात है कि यदि कोरोना वायरस नहीं आता तो शायद इनके बारे में कभी किसी को कोई खबर भी नहीं होती।
आज ही मध्यप्रदेश में पुलिस ने भी कार्रवाई करते हुए तबलीगी जमात के 64 विदेशी सदस्यों को गिरफ्तार किया है। मध्य प्रदेश पुलिस ने तबलीगी जमात के 64 विदेशी सदस्यों, संगठन से जुड़े 10 भारतीयों, और 13 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने भोपाल में इनकी मदद की है।
यदि तमिलनाडु की ही बात करें तो आज वहाँ कोरोना वायरस से 70 वर्षीय महिला की मौत हो गई, जिससे राज्य में इस महामारी से मरने वालों की संख्या नौ हो गई। साथ ही, 77 लोग इस बीमारी से संक्रमित पाए गए हैं जिससे संक्रमण की कुल संख्या 911 हो गई है।
तमिलनाडु में कल 24 घंटे में 96 नए केस सामने आए, जिसमें से 84 मामले सिर्फ दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों से जुड़े हुए लोगों के हैं।
तबलीगी जमात का दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज देश में देश में कोरोना वायरस संक्रमण का हॉटस्पॉट बनकर उभरा है। यहॉं मजहबी आयोजन में शरीक होने के बाद जमात के सदस्य देश के अलग-अलग हिस्सों में गए। देश के कई राज्यों में जमात से जुड़े मौलवी मस्जिदों में छिपे मिले हैं। पुलिस के साथ ही अब हाईकोर्ट भी इनसे सख्ती से निपटने के निर्देश दे रहा है।