देश की राजधानी दिल्ली के उत्तरी-पूर्वी इलाकों में भड़के दंगों में एक नया खुलासा सामने आया है। दिल्ली पुलिस ने दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में 12 से अधिक लोगों की पहचान कर ली है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा में दो गैंग इरफ़ान छेनू और नासिर गैंग के शामिल होने की बात भी की है।
“At least a dozen people, who were either spotted by the cops or caught on camera opening fire, throwing stones and setting vehicles on fire, have been found to be associates of the Nasir gang and the one led by his rival, Irfan Chhenu, said an official.” https://t.co/jAMxVbWoBT
— Rohan Venkat (@RohanV) February 26, 2020
रिपोर्ट्स के अनुसार, रविवार शाम से दिल्ली में हुई हिंसा आगजनी, गोलीबारी और पथराव इन्हीं छेनू गैंग और नासिर गैंग का हाथ था। अब तक पुलिसकर्मियों द्वारा CCTV और वीडियो के आधार पर उस इलाके में सक्रीय गैंग के 12 से ज्यादा लोगों की पहचान की जा चुकी है। कैमरा में पहचाने गए लोग नासिर गैंग और इरफ़ान छेनू गैंग से बताए जा रहे हैं।
So called “Anti-CAA protestors” are member of two gangs, Nasir Gang and Irfan Gang. Those who caught on camera opening fire are associated with this gang. they fired over 500 rounds. They were hired by bigger entities. PFI?
— Shash (@pokershash) February 26, 2020
This proves, it was not anti-CAA, it was anti India. pic.twitter.com/xjPIDPM53k
पुलिस के अनुसार, बीते 3 दिनों में दिल्ली में 600 से ज्यादा राउंड फायरिंग हुई है। इसका मतलब हथियारों और गोलियों की कमी नहीं थी और ये गैंग ही इसकी सप्लाई कर रहे थे। पुलिस ने आशंका जताई है कि दिल्ली में हिंसा भड़काने और आगजनी करने के लिए छेनू गैंग को हायर किया गया था और इन गैंग्स की मदद से सुनियोजित साजिश के तहत हिंसा भड़काई गई।
यमुनापार के रहने वाले कुख्यात छेनू पहलवान और नासिर गिरोह आज की तारीख में दिल्ली पुलिस के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द माने जाते हैं। दोनों गिरोहों में पहले कई बार दिनदहाड़े गैंगवार की घटनाएँ होती आई हैं। साल 2010 में स्पेशल सेल ने नासिर को 55 लाख की डकैती के मामले में गिरफ्तार किया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद नासिर ने कुख्यात बदमाश हाशिम बाबा से दोस्ती कर ली थी।
इसी समय हाशिम की अकील मामा और छेनू गिरोह से भी तनातनी जारी थी। वहीं, छेनू को अपनी गैंग का शार्प शूटर माना जाता है। छेनू कुख्यात बदमाश हाजी अफजाल और कमल का चचेरा भाई बताया जाता है। यहीं से नासिर और छेनू के बीच मामला गरमा गया और दोनों गैंग के बीच गैंगवार की घटनाएँ सामने आने लगीं।
रिपोर्ट्स में छेनू गैंग को दिल्ली के सबसे खतरनाक गैंग में से एक माना जाता है और ये नार्थ ईस्ट दिल्ली के साथ लोनी गाजियाबाद में भी सक्रिय है। ये गिरोह काफी बेरहम माने जाते हैं। पहचान के बाद पुलिस इस जाँच में लगी है कि हिंसा के लिए किन लोगों ने इनको हायर किया था।
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दौरे की ठीक पहली शाम से ही उत्तर पूर्वी दिल्ली में नागरिकता कानून (CAA) को लेकर फैली हिंसा में अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। इस बीच एक हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल ने दंगाइयों की गोली लगने से अपनी जान गँवाई और आज सुबह IB के एक सहायक अधिकारी अंकित शर्मा की लाश दिल्ली के चाँदपुर में बरामद हुई। मृतक अंकित को दंगाइयों ने तब अपना निशाना बनाया, जब वो ड्यूटी से अपने घर लौट रहे थे।