जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के कश्मीर संभाग में एक बार फिर आतंकियों ने हिमाकत की है। बुधवार (22 दिसंबर) को एक घंटे के अंतराल में अंजाम दिए गए इन दो अलग-अलग आतंकी घटनाओं में एक दारोगा और एक नागरिक की मौत हो गई है। दोनों ही हमलों की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा का से जुड़ा ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है। वहीं, सुरक्षाबल इलाके की घेराबंदी कर आतंकियों का सुराग लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, श्रीनगर के ईदगाह क्षेत्र के नवाकदल इलाके में शाम 6 के करीब आतंकियों ने शाम को एक नागरिक रउफ अहमद को गोली मार दी। हमला करने के बाद आतंकी मौके से फरार हो गए। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुँच कर घायल को एसएमएचएस अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
#ChinarCorps pays tribute to ASI Mohd Ashraf of @JmuKmrPolice, who made the #SupremeSacrifice in terrorist attack at Bijbehara, #Anantnag today evening. Deepest condolences to the bereaved family. We remember – we will not forget.#KashmiriLivesMatter #Kashmir @adgpi https://t.co/ObTJ9bDcky
— Chinar Corps🍁 – Indian Army (@ChinarcorpsIA) December 22, 2021
इस घटना को अंजाम देने के लगभग आधा घंटा बाद आतंकियों ने अनंतनाग जिले के बिजबेहरा थाने में एक और आतंकी हमले को अंजाम दे दिया। यहाँ ड्यूटी पर तैनात ASI को आतंकियों ने निशाना बनाया। अवंतीपोरा के रहने वाले एएसआई मोहम्मद अशरफ को आतंकियों ने चार गोलियाँ मार दीं। हमले के बाद पुलिस मौके पर पहुँची और इलाज के लिए उन्हें अस्पताल ले जा रही थी, लेकिन रास्ते में ही अशरफ ने दम तोड़ दिया।
बताया जा रहा है कि रऊफ अहमद खान पहले आतंकी था, लेकिन बाद में उसने आत्म-समर्पण कर मुख्यधारा में शामिल हो गया था। वह श्रीनगर के ईदगाह में प्रॉपर्टी डीलर का काम करता था। कहा जा रहा कि अहमद जैसे अपने घर से निकला आतंकियों ने उस पर हमला कर दिया।
बता दें कि बुधवार को ही सरकार ने सदन को बताया कि जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को निशाना बनाकर हमले किए गए। इन घटनाओं में शामिल चार आतंकवादियों को मार गिराया गया है। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि ये हमले सीमा पार से प्रायोजित थे। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकी घटनाओं में कमी आई है। साल 2018 में आतंकी हमले की 417 घटनाएँ हुई थीं, जबकि 2021 में 30 नवम्बर तक ऐसी सिर्फ 203 घटनाएँ हुई हैं।
पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) हाल के दिनों में आतंकी घटनाओं को अंजाम देकर चर्चा में आया है। इसके पहले इसने घाटी में कई गैर-मुस्लिमों का पहचान पत्र जाँच करने के बाद गोली मार कर हत्या कर दी थी।