नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनपीआर) के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन की जाँच कर रही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को आज बड़ी सफलता हाथ लगी। जाँच में जुटी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आज सोमवार (मार्च 9, 2020) को दानिश नाम के PFI सदस्य को गिरफ्तार किया। दानिश पर आरोप है कि सीएए के ख़िलाफ़ वो पोस्टर बाँटने के साथ-साथ गलत प्रोपगेंडा फैला रहा था।
https://platform.twitter.com/widgets.jsDelhi Police: “Delhi Police Special Cell has arrested Danish, a member of PFI (Popular Front of India), for spreading false propaganda during anti-CAA protests.” More details awaited. https://t.co/gZuBZZFtVp pic.twitter.com/VVaubs723p
— ANI (@ANI) March 9, 2020
दिल्ली पुलिस के अनुसार, दानिश अली दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके का रहने वाला है। पुलिस इससे पूछताछ करने के बाद अब इसके बाकी साथियों का भी पता लगाने में जुटी है। पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि आखिरकार इनका नेटवर्क किस प्रकार से जामिया में सीएए के ख़िलाफ़ चल रहे प्रोटेस्ट में काम कर रहा था व किस प्रकार से इन्हें फंंडिंग हो रही थी और दिल्ली में चल रहे सीएए के विरोध प्रदर्शन में इसका इस्तेमाल कैसे किया गया।
Delhi Police: “Delhi Police Special Cell has arrested Danish, a member of PFI (Popular Front of India), for spreading false propaganda during anti-CAA protests.” More details awaited. pic.twitter.com/SNtQca7JWM
— ANI (@ANI) March 9, 2020
उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस, पिछले दिनों हुई हिंसा में अब तक PFI के दर्जनभर सदस्यों के शामिल होने की बात कह चुकी है। इसी के साथ वह काफी समय से साइबर सेल की मदद से इनके सक्रिय सदस्यों की कॉल डिटेल खंगाल रही थी। जिसके मद्देनजर ही रविवार को जामिया इलाके से ISIS से जुड़े दो संदिग्ध आतंकियों (दंपत्ति) की गिरफ्तारी हुई।
ये दोनों सीएए खिलाफ धरने पर बैठे लोगों को भड़काने और उकसाने का काम कर रहे थे। साथ ही सीएए के विरोध में गलत प्रोपेगेंडा चला रहे थे। पुलिस ने इनके पास से काफी सामान भी बरामद किया था। पड़ताल में ये भी पता चला था कि इनकी कोशिश सीएए के विरोध के जरिए भारत में दंगे कराने की थी।
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में सीएए, एनआरसी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान दिल्ली में आगजनी, पथराव और मारपीट की कई घटनाएँ हुईं थीं। जाँच पड़ताल में दिल्ली पुलिस के विशेष जाँच दल ने पाया था कि दक्षिण के जामिया नगर के अलावा उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर, जाफराबाद, सीमापुर, दरियागंद में हुए दंगो में बांग्लादेशी शामिल थे। साथ ही पीएफआई की भी इसमें सक्रिय भूमिका थी।