वाराणसी में ज्ञानवापी विवादित ढाँचे के अंदर से शिवलिंग मिलने के बाद देश के बाकी हिस्सों में मस्जिदों का सर्वे की माँग उठ रही है। इसी क्रम में कर्नाटक (Karnataka) के मांड्या जिले में विश्व हिन्दू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने श्रीरंगपटना स्थित जामा मस्जिद (Jama Masjid ) में पूजा करने के लिए रविवार (5 जून 2022) को एक बाइक रैली निकाली। भगवा गमछा, भगवा पगड़ी और भगवा झंडा लिए ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए विहिप के कार्यकर्ता आगे बढ़ रहे थे, लेकिन जामा मस्जिद पहुँचने से पहले ही पुलिस अधिकारियों ने हिन्दुओं की रैली को रोक दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, हिन्दू संगठनों ने ‘श्रीरंगपटना चलो’ नाम से ये रैली निकाली। रैली में राम भजन के साथ ही हनुमान चालीसा का भी पाठ किया गया। इस रैली का आह्वान बजरंग दल ने किया था। लेकिन जब पुलिस अधिकारियों ने हिन्दुओं को रोका तो भीड़ के कारण बेंगलुरु-मैसूर और मैसूर-पांडवपुरा हाईवे जाम हो गया। हिन्दू संगठनों ने उन्हें मस्जिद की ओर जाने देने की माँग की। मांड्या जिले के एसपी पी यतीश ने धारा 144 का उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तार करने की चेतावनी दी और ट्रैफिक बहाल करने के लिए सभी को किरांगुर शहर ले जाया गया।
दूसरी ओर हंगामे के बाद भी मुस्लिम मौलवियों ने मस्जिद परिसर में स्थित मदरसे में छात्रों के लिए कक्षाएँ संचालित कीं। इसके विरोध में हिन्दू कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और सरकार पर मस्जिद के अंदर मदरसे को चलने देने का आरोप लगाया।
क्या है पूरा मामला
कर्नाटक के श्रीरंगपटना में स्थित जामा मस्जिद को लेकर विश्व हिंदू परिषद का दावा है कि यहाँ पहले मंदिर था, जिसे टीपू सुल्तान ने गिराकर मस्जिद बनाई थी। हिंदू संगठनों ने भी ज्ञानवापी की तर्ज पर जामा मस्जिद के सर्वेक्षण की माँग को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है। विहिप और बजरंग दल ने 20 मई को मांड्या जिला कमिश्नर को एक ज्ञापन सौंपकर माँग की कि जामा मस्जिद में ज्ञानवापी की तर्ज पर सच्चाई का पता लगाने के लिए एक सर्वेक्षण किया जाए। अब विहिप ने जामा मस्जिद में घुसकर पूजा करने का ऐलान कर दिया है।
हिन्दू संगठनों के इस ऐलान के बाद 3 जून को पुलिस ने आनन फानन में पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दी थी।