Friday, November 15, 2024
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पंजाब के चक्काजाम में दिखा खालिस्तानी ‘भिंडरावाले’ का झंडा, ‘मोदी मर जा हाय-हाय’ के लगे नारे: देखें वीडियो

लुधियाना के चक्का जाम की एक वीडियो सामने आई है जिसमें एक ट्रैक्टर पर लगे झंडे में जरनैल सिंह भिंडरावाले जैसी तस्वीर दिख रही है। साथ ही कथिततौर पर भीड़ द्वारा 'मोदी मर जा… हाय हाय' के नारे भी लगाए जा रहे हैं।

यह खबर तो बहुत पहले से ही सामने आ चुकी है कि देश में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को खालिस्तानी तत्वों द्वारा हाइजैक किया जा चुका है। जिसका पहले भी साबुत सामने आए और आज भी सबूत मिला। लुधियाना में किसानों के चक्का जाम के दौरान एक ट्रैक्टर पर जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीर के साथ एक ध्वज लगा हुआ दिखाई दिया। सोशल मीडिया पर इसका एक वीडियो वायरल हो रहा है।

न्यूज एजेंसी एएनआई ने लुधियाना के चक्का जाम की एक वीडियो जारी की है जिसमें एक ट्रैक्टर पर लगे झंडे में जरनैल सिंह भिंडरावाले जैसी तस्वीर दिख रही है। साथ ही कथिततौर भीड़ द्वारा ‘मोदी मर जा… हाय हाय’ के नारे भी लगाए जा रहे हैं। किसान आंदोलन में भिंडरावाले की तस्वीर दिखने से पंजाब में राजनीतिक माहौल एक बार फिर गर्मा सकता है।

वीडियो मे एक तरफ लोग गुजरते हुए दिखाई दे रहे हैं वहीं कुछ लोग नारे भी लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा वहाँ खड़े एक ट्रैक्टर पर खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीर वाला एक झंडा लगा हुआ दिखाई दे रहा है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या शनिवार को बुलाए गए चक्का जाम में खालिस्तानी तत्व भी हिस्सा ले रहे थे?

बता दें कि जून 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारा गया भिंडरावाला सिखों के धार्मिक समूह दमदमी टकसाल का प्रमुख था। भिंडरावाला ने सिखों के लिए अलग देश खालिस्तान की माँग की थी। इतना ही नहीं खालिस्तानी अलगाववादी उसे अपना आदर्श मानते हैं।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे कथित ‘किसानों’ ने आज (6 फरवरी 2021) ‘चक्का जाम’ का आह्वान किया था। यह चक्का जाम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर पूरे देश में दोपहर 12 से 3 बजे के बीच करने का ऐलान था। हालाँकि, शांतिपूर्ण प्रदर्शन का भरोसा देने के बावजूद सरकार ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली की आड़ में हुए उपद्रव को देखते हुए पुलिस और सुरक्षाबल पूरी तरह मुस्तैद थे।

गौरतलब है कि हालिया सोशल मीडिया पर खालिस्तानी समर्थक धालीवाल का एक वीडियो वायरल हुआ था। आरोप है कि धालीवाल के संगठन पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन ने ही स्‍वीडिश एक्टिविस्‍ट ग्रेटा थनबर्ग द्वारा साझा किए गए ‘टूलकिट’ को बनाया था। ताकि भारत को विश्व में बदनाम किया जा सके।

वायरल वीडियो में खालिस्तानी समर्थक धालीवाल द्वारा भारत विरोधी भड़काने वाले बयानों को सुना जा सकता है। क्लिप में वह कहता है, “यदि कृषि कानून कल वापस हो जाते हैं, तो यही हमारी जीत नहीं होगी। कृषि कानूनों की वापसी के साथ जंग की शुरुआत होगी और इसका अंत यहीं नहीं होगा। किसी को यह मत बताने दीजिए कि यह लड़ाई कृषि कानूनों को वापस लेने के साथ खत्‍म हो जाएगी, क्योंकि वे इस आंदोलन से ऊर्जा खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। वे आपको बताने की कोशिश कर रहे हैं कि आप पंजाब से अलग हो, और आप खालिस्तान आंदोलन से अलग हो, आप नहीं हो।”

रिपोर्ट्स के मुताबिक, धालीवाल का यह वायरल वीडियो 26 जनवरी को भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन के दौरान शूट किया गया था। हालाँकि, ऑपइंडिया इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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