Sunday, November 24, 2024
Homeराजनीति'चुनाव में सलाह देने के लेता था ₹100 करोड़+': प्रशांत किशोर ने मुस्लिमों के...

‘चुनाव में सलाह देने के लेता था ₹100 करोड़+’: प्रशांत किशोर ने मुस्लिमों के आगे कबूली अपनी फीस, बोले- हमें कमजोर समझते हैं क्या आप?

प्रशांत किशोर ने कहा, "मेरी रणनीतियों पर दस राज्यों में सरकारें चल रही हैं। क्या आपको लगता है कि मुझे अपने अभियान के लिए तंबू और अन्य व्यवस्थाओं का खर्च उठाने में दिक्कत होगी?"

जन सुराज के संयोजक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने खुलासा किया है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी या नेता को चुनावी सलाह देने के लिए वह 100 करोड़ रुपये से अधिक फीस लेते हैं। प्रशांत ने यह बात गुरुवार (31 अक्टूबर 2024) को बिहार विधानसभा उपचुनावों के प्रचार के दौरान कही।

बिहार के बेलागंज में एक सभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने बताया कि लोग अक्सर उनसे पूछते हैं कि उनके चुनावी अभियान का खर्च कैसे पूरा होता है।

प्रशांत किशोर ने कहा, “मेरी रणनीतियों पर दस राज्यों में सरकारें चल रही हैं। क्या आपको लगता है कि मुझे अपने अभियान के लिए तंबू और अन्य व्यवस्थाओं का खर्च उठाने में दिक्कत होगी? बिहार में किसी ने मेरी जैसी फीस के बारे में नहीं सुना है। एक चुनाव में सलाह देकर मैं 100 करोड़ रुपये से अधिक कमा लेता हूँ, जो मुझे अगले दो साल तक अपने अभियान को चलाने के लिए पर्याप्त है।”

जन सुराज पार्टी ने आगामी उपचुनावों के लिए चार विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। बेलागंज से मोहम्मद अमजद, इमामगंज से जितेंद्र पासवान, रामगढ़ से सुशील कुमार सिंह कुशवाहा और तारारी से किरण सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है। बिहार के इन चार विधानसभा क्षेत्रों – बेलागंज, इमामगंज, रामगढ़, और तारारी – में 13 नवंबर को उपचुनाव होने हैं, और इनके नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

प्रशांत किशोर का यह बयान चुनावी रणनीतिकार के रूप में उनकी फीस और फंडिंग को लेकर चल रहे सवालों का जवाब था।

कौन हैं प्रशांत किशोर?

प्रशांत किशोर एक जाने-माने राजनीतिक रणनीतिकार हैं, जिन्होंने भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के लिए चुनावी अभियान तैयार किए हैं। उनका करियर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार से चर्चा में आया, जब उनकी बनाई रणनीतियों ने बीजेपी को ऐतिहासिक जीत दिलाने में मदद की। इसके बाद उन्होंने बिहार में नीतीश कुमार, दिल्ली में आम आदमी पार्टी, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कॉन्ग्रेस और आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कॉन्ग्रेस जैसे कई दलों के साथ काम किया​

प्रशांत किशोर की कंपनी इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (I-PAC) ने विभिन्न राज्यों में विधानसभा चुनावों में रणनीतियाँ तैयार कीं, जिससे वे राजनीति में एक भरोसेमंद नाम बन गए। हालाँकि वे कई बार कॉन्ग्रेस में शामिल होने की अटकलों में भी रहे हैं, लेकिन आखिर में उन्होंने खुद की राजनीतिक पार्टी बनाई है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जामा मस्जिद का सर्वे करने आई टीम, घेराबंदी कर मुस्लिम भीड़ ने की पत्थरबाजी: लाठी-आँसू गैस के गोलों से पुलिस ने संभल में हालात...

रविवार को संभल की जामा मस्जिद का दोबारा से सर्वे हुआ। जैसे ही सर्वे करने के लिए टीम पहुँची इस्लामी कट्टरपंथियों ने घेराबंदी कर पत्थरबाजी शुरू कर दी।

खालिस्तानी प्रेम में पहले भारत से पंगा, अब निज्जर हत्याकांड में दे रहे क्लीनचिट: अपने ही बुने जाल में उलझे जस्टिन ट्रूडो, बचने के...

खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाने वाले कनाडा के पीएम अब इससे बचने के लिए अपने अधिकारियों को बलि का बकरा बना रहे हैं।
- विज्ञापन -