मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना प्रयागराज जिले के अतरसुइया इलाके की है। यहाँ पर एक मदरसा है जिसका नाम जामिया हबीबिया मस्जिद-ए-आज़म है। पुलिस को पिछले कई दिनों से यहाँ पर संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिल रही थी। यहाँ पर कई बाहरी लोगों का आना-जाना लगा रहता था। पुलिस ने इस मदरसे पर बारीक नजर रखनी शुरू कर दी। जब पुलिस को इत्मीनान हो गया कि मदरसे में सब सही नहीं चल रहा तब बुधवार (28 अगस्त) को यहाँ दबिश दी गई।
पुलिस मदरसे के अंदर घुसी तब वहाँ एक प्रिंटिंग मशीन पर 3 लोग कुछ छापते नजर आए। जाँच के बाद पता चला कि तीनों नकली नोटों की छपाई कर रहे थे। इन तीनों से पूछताछ हुई तो इन्होंने इस गैरकानूनी काम में मदरसे के प्रिंसिपल की भी मिलीभगत बताई। 25 वर्षीय प्रिंसिपल का नाम मोहम्मद तफसीरुल है जो पेशे से मौलवी है। पुलिस ने चारों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए अन्य आरोपितों में 18 वर्षीय मोहम्मद अफ़ज़ल, 18 वर्षीय मोहम्मद शाहिद और 23 वर्षीय जाहिर खान का नाम है।
ज़ाहिर खान उर्फ़ अब्दुल ज़ाहिर मूल रूप से ओडिशा का रहने वाला है। वह मदरसे में आलिम है। पढ़ाई के बाद जाहिर मदरसे में ही पढ़ाने लगा था। वहीं हाईस्कूल पास मोहम्मद अफ़ज़ल के अब्बा मोईद अहमद कपड़े की दुकान पर काम करते हैं। कक्षा 8 पास मोहम्मद शाहिद मदरसे में मौलवी बनने आया था लेकिन बाद में वह नकली नोट छापने वाले रैकेट से जुड़ गया। हाईस्कूल पास मौलवी तफसीरुल के अब्बा भी मदरसे में पढ़ाते थे। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वो पिछले 3 महीनों से नकली नोटों के इस काले कारोबार को संचालित कर रहे थे।
#Prayagraj जिले के एक मदरसे में नकली नोट बनाने वाले गैंग का खुलासा
— Mr. Surya (@patrkaarsurya) August 28, 2024
मदरसे में हो रही थी नकली नोटों की #जालसाजी
प्रयागराज पुलिस ने मौलवी के साथ 4 आरोपियों को किया गिरफ्तार
अभियुक्तों के कब्जे से 100 रु के 1300 नकली नोट बरामद
अतरसुइया के मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आज़म का मामला pic.twitter.com/PUpig1QgZp
मदरसे की तलाशी ली गई तो वहाँ से 1 लाख 30 हजार रुपए के नकली नोट बरामद हुए। नकली नोट बनाने के लिए प्रिंटर और अन्य मशीनें ओडिशा के भद्रक निवासी अब्दुल ज़ाहिर ने अपने भाई से मँगवाई। ज़ाहिर का भाई भी पहले प्रयागराज में आधार कार्ड बनवाने का काम कर चुका है। 100 रुपयों के नोट में लोग ज्यादा जाँच पड़ताल नहीं करते, यही सोच कर आरोपितों ने इसे छापना शुरू किया था। अधिकतर नोटों को प्रयागराज के अलग-अलग हिस्सों में दुकानरों को धोखे से दिया जाता था।
आरोपितों ने बाजार में कितनी नकली नोट चलाए हैं इसकी जाँच पुलिस कर रही है। अनुमानित राशि लगभग 5 लाख रुपए बताई जा रही है। पकड़े गए आरोपित अपने काले कारोबार को चलाने के लिए युवाओं को अपने साथ जोड़ रहे थे। उनको 100 रुपए असली देने पर 300 रुपए नकली दिए जाते थे। अब पुलिस टीमें इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की पड़ताल कर रही है। नकली नोट छापने वाले प्रिंटर व अन्य मशीनों को जब्त कर लिया गया है। पुलिस मामले में जाँच व अन्य जरूरी कानूनी कार्रवाई कर रही है।
इन सभी आरोपितों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा सिविल लाइंस थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 178, 179, 180, 181 और 182 (1) के तहत कार्रवाई की गई है। इस मामले की जाँच के लिए इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की टीम भी पहुँच गई है।