उत्तर प्रदेश के मेरठ में कुख्यात वाहन चोर और कबाड़ माफिया हाजी इकबाल के खिलाफ गैंगस्टर ऐक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उसकी 10 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। रविवार (21 नवंबर) को की गई इस कार्रवाई के दौरान वहाँ भारी भीड़ जुट गई, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था को देखकर किसी ने विरोध करने की हिम्मत नहीं की।
कार्रवाई के दौरान एएसपी कैंट और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मेरठ जिले के लालकुर्ती और सदर थाना की पुलिस और पीएसी टीम मौजूद थी। करीब दो घंटे चली कार्रवाई के दौरान इपुलिस ने इकबाल की दो कोठियों को कुर्क करने की कार्रवाई करते हुए उस पर सील लगा दी। एएसपी कैंप के मुताबिक, इन कोठियों की अनुमानित कीमत 10 करोड़ रुपये आंकी गई है।
Meerut| Case against vehicle thief Haji Iqbal & his 3 sons has been registered under the ‘Uttar Pradesh Gangsters & Anti-Social Activities (Prevention) Act of 1986’, at the Sadar Bazar Police Station, by seizing illegal properties worth Rs 10 crores in Patel Nagar: ASP Suraj Roy pic.twitter.com/8xzmULC80K
— ANI UP (@ANINewsUP) November 22, 2021
पुलिस टीम ने वाहन चोर हाजी इकबाल की कोठी के सामने पहुँचकर मुनादी कराई और जिलाधिकारी के आदेश को पढ़कर सुनाया। इसके बाद मकान नंबर 29 और उसके बाद मकान नंबर 30ए को लेकर कुर्की की कार्रवाई शुरू की। एएसपी ने दोनों मकानों में जाकर निरीक्षण भी किया और वहां मौजूद सामान की वीडियोग्राफी भी कराई। इस दौरान पुलिस घोषणा की कि इस संपत्ति को खरीदना और बेचना कानूनन जुर्म है। बताया जा रहा है कि पुलिस कार्रवाई से पहले इकबाल के परिजन कीमती सामानों को पहले ही कोठियों से निकाल चुके थे।
हाजी इकबाल सदर बाजार में पटेल नगर का निवासी और उसके खिलाफ शहर के अलग-अलग थानों में छह मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस ने हाल ही में हाजी इकबाल और उसके बेटों- अफजाल, इमरान और अबरार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसके बाद आरोपी के खिलाफ यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स एंड असामाजिक गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1986 के तहत कार्रवाई की गई है।
एएसपी के अनुसार, पिता-पुत्र मिलकर वाहनों की चोरी करते हैं। इसके अलावा, चोरी के वाहनों के कल-पुर्जे भी खरीदने-बेचने का काम करते हैं। हाजी इकबाल वेस्ट यूपी का बड़ा वाहन चोर और कबाड़ माफिया है। आरोपी का चोरी के अलावा कोई अन्य व्यवसाय व खेती आदि नहीं है। इतनी संपत्ति इसी तरह से अवैध कार्यों से अर्जित की है।
वहीं, इकबाल की अन्य बेनामी संपत्तियाँ भी चिह्नित की है। सोतीगंज में मस्जिद के पास एक मकान, दुकान और गोदाम मिला है। इसके अलावा, ऐसे 10 दुकानों की भी पहचान की गई हैं, जिनमें हाजी इकबाल का पैसा लगा है। बताया कि यह सभी प्रॉपर्टी बेनामी हैं और किसी अन्य के नाम पर खरीदी गई हैं। इन संपत्तियों की कीमत भी करीब 10 करोड़ रुपये आंकी गई है।
हाजी इकबाल ने वाहनों की चोरी करने वाला एक गिरोह बना रखा है, जिसका नेटवर्क दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान जैसे राज्यों तक फैला है। हाजी इकबाल के पिता मोहम्मद उमर मजदूर थे, जबकि इकबाल सोतीगंज निवासी अपने बहनोई के पास रहकर बाइक मिस्त्री का काम सीखा। इसके बाद धीरे-धीरे वह स्क्रैप का काम करने लगा। इस दौरान उसकी मुलाकात चोरी के वाहन खरीदने-बेचने वाले लोगों से हुई और इसमें हाथ आजमाने लगा।
इन अवैध कामों से अर्जित धन से साल 2009 तक उसकी माली हालत सुधरती चली गई। इसी दौरान इकबाल ने पटेलनगर में मकान संख्या 30ए खरीदा और आलीशान कोठी तैयार किया। साल 2010 में उसने दिल्ली रोड रविंद्रपुरी में 161, 162ए और 162बी खरीदे और वहाँ बड़े गोदाम तैयार कर वाहनों के कटान का काम शुरू किया। 2015 तक वह अकूत संपत्ति का मालिक बन गया। उसने पटेल नगर में मकान संख्या 29 को दो करोड़ रुपए में खरीदा। दिखावे के लिए लोन भी लिया। खास बात यह थी कि कागजों में इस मकान की कीमत 1.5 करोड़ दिखाया गया था।
एएसपी सूरज राय ने बताया कि वाहन चोरी के तीन मामलों में करीब अब तक करीब 25 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की गई है। उन्होंने बताया कि फिलहाल 32 अपराधी पुलिस के रडार पर चल रहे हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
हाल ही में मेरठ पुलिस ने शातिर वाहन चोर हाजी गल्ला पर भी गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की थी। पुलिस ने हाजी गल्ला की चार करोड़ कीमत की कोठी और 6 करोड़ रुपये कीमत की अन्य संपत्तियों को कुर्क किया था। पुलिस के अनुसार, आने वाले वक्त में कुछ अन्य बड़े वाहन चोरों और अपराधियों की संपत्ति को गैंगस्टर ऐक्ट के तहत जब्त की जाएगी।