झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की परीक्षाओं में भोजपुरी और मगही को शामिल करने को लेकर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया है। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और कोडरमा के पूर्व सांसद रवींद्र राय पर आंदोलनकारियों ने रविवार (30 जनवरी) को हमला कर दिया। उनके चालक के साथ मारा-पीटा गया और वाहन में तोड़फोड़ की गई।
झारखंड के कई जिलों में इसके विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन इसका सबसे अधिक असर धनबाद और बोकारो जिले में दिखाई दे रहा है। बोकारो में हेमंत सरकार के विरुद्ध मानव श्रृंखला बनाकर विरोध जताया गया। यह मानव श्रृंखला बोकारो नागेन मोड़ से शुरू होकर धनबाद जिले के अंतिम सीमा तक बनाई गई। आजसू ने इस विरोध प्रदर्शन को समर्थन दिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह विरोध प्रदर्शन झारखंड सरकार द्वारा जिलास्तरीय नियुक्तियों में भोजपुरी और मगही भाषा को शामिल करने के फैसले के बाद हो रहा है। रवींद्र राय इसी प्रदर्शन के बीच राँची से धनबाद आ रहे थे। इसी दौरान चास थाना क्षेत्र में उन पर हमला किया गया। इस दौरान उनके बॉडीगार्ड के साथ अभद्रता की गई, ड्राइवर को पीटा गया और गाड़ी का शीशा तोड़ दिया गया। रवींद्र राय ने किसी तरह भागकर चास मुफस्सिल थाने में शरण ली।
प्रदर्शनकारी हेमंत सरकार से अपने फैसले को वापस लेने की माँग कर रहे थे। इस प्रदर्शन का आयोजन झारखंड भाषा संघर्ष समिति व आजसू ने संयुक्त रूप से किया था। इस विरोध प्रदर्शन को लेकर पूर्व सांसद रवींद्र ने झारखंड सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है, “जब पूर्व सांसद ही नहीं सुरक्षित है तो आम आदमी की क्या स्थिति होगी। सरकार इस पर ध्यान दें।”
झारखंड में एकता विकास मंच काफी समय पहले से ही भोजपुरी और मगही को परीक्षाओं में शामिल करने की माँग करता आ रहा है। अगस्त 2021 में उसने इस माँग को ले कर हाईकोर्ट में PIL दाखिल करने का एलान किया था। तब एकता विकास मंच ने इसे मगही और भोजपुरी के अस्तित्व को बचाने के संघर्ष का नाम दिया था।