केरल में एक आईएएस ऑफिसर की नियुक्ति के विरोध में हजारों मुस्लिमों ने मार्च निकालते हुए नियुक्ति रद्द करने की माँग की। यह प्रदर्शन सुन्नी समूह से जुड़े कई मुस्लिम संगठनों ने आयोजित किया था। दरअसल, ये लोग केएम बशीर नाम के पत्रकार की मौत के आरोपित श्रीराम वेंकटरमण की अलाप्पुझा जिला कलेक्टर के रूप में नियुक्ति के खिलाफ शनिवार, 30 जुलाई, 2022 को तिरुवनंतपुरम में राज्य सचिवालय और सभी जिला कलेक्ट्रेट के सामने विरोध मार्च निकाला।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रदर्शन में सुन्नी युवजन संघम और सुन्नी स्टूडेंट्स फेडरेशन ने केरल मुस्लिम जमात द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। उन्होंने माँग की है कि श्रीराम की नियुक्ति रद्द की जाए।
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि मुस्लिम समूह ब्राह्मण आईएएस के नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं। वीडियो में मुस्लिमों की एक बड़ी भीड़ को नारे लगते और प्रदर्शन करते देखा जा सकता है।
In Allepy Kerala ystrday, Muslims opposing the new Brahmin IAS collector, took out a procession,
— Indu Makkal Katchi (Offl) 🇮🇳 (@Indumakalktchi) August 1, 2022
MSM cunningly avoided this and highlighted ABVP in Karnataka.
Listen to the slogans. pic.twitter.com/95HHYd2hJu
इस मामले में जहाँ माकपा के नेतृत्व वाली वाम लोकतांत्रिक मोर्चे की सरकार के फैसले के मुस्लिम संगठन खिलाफ हैं। वहीं मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने आईएएस ऑफिसर की नियुक्ति का बचाव किया है। आईएएस ऑफिसर श्रीराम वेंकटरमन की अलाप्पुझा जिला कलेक्टर के रूप में नियुक्ति को सही ठहराते हुए बचाव किया।
वहीं महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल सहित कॉन्ग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी श्रीराम वेंकटरमन को अलाप्पुझा जिला कलेक्टर नियुक्त करने के केरल सरकार के फैसले की निंदा की है। अलाप्पुझा की जिला कॉन्ग्रेस कमिटी ने भी सोमवार 25 जुलाई को जिला कलेक्ट्रेट में विरोध प्रदर्शन किया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कॉन्ग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कलेक्टर को लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि गंभीर आरोपों का सामना कर रहे वेंकटरमण जैसे व्यक्ति को इस पद पर नियुक्त किया गया। उन्होंने कहा, “सरकार को एक ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति करनी चाहिए थी जो अलाप्पुझा में गरीबों की समस्याओं को समझ सके।” उन्होंने कहा कि एक दुर्घटना में एक निर्दोष व्यक्ति की मौत के आरोपित व्यक्ति को यह पद दिया गया है।
केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (KUWJ) ने भी सोमवार को राज्य सरकार से इस फैसले को वापस लेने की माँग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। बता दें कि सरकार द्वारा अलाप्पुझा में उनके स्थानांतरण का आदेश देने से पहले वेंकटरमन केरल चिकित्सा सेवा निगम के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत थे।
गौरतलब है कि 3 अगस्त, 2019 को तिरुवनंतपुरम में पत्रकार के एम बशीर की मौत के मामले में वेंकटरमण पहला आरोपित हैं। घटना के समय बशीर तिरुवनंतपुरम में सिराज दैनिक का कर्मचारी था।