पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट केस में पुलिस ने नाबालिग आरोपित की माँ को गिरफ्तार कर लिया है। उसने ही अपने ब्लड सैंपल को बेटे के ब्लड सैंपल से बदला था, ताकि शराब पीकर एक्सीडेंट करने वाला उसका नाबालिग बेटा बच जाए। इस मामले की जानकारी सामने आने के बाद से वो फरार हो गई थी, लेकिन अब पुणे पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। इस बीच, नाबालिग के दोस्त ने बताया है कि आरोपित किशोर शराब के नशे में धुत होकर गाड़ी चला रहा था। हादसे के समय स्टेयरिंग उसी के हाथ में थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्लड सैंपल बदलने के मामले का खुलासा होने के बाद शिवानी अग्रवाल मुंबई भाग गई थी, लेकिन वो शुक्रवार (31 मई 2024) की रात पुणे लौट आई। उसके आते ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में ससून अस्पताल के दो डॉक्टर और एक वार्ड बॉय पहले से ही पुलिस की हिरासत में हैं। शिवानी अग्रवाल के साथ ही इस केस में विशाल अग्रवाल को भी नामजद किया गया है। वो डॉक्टरों से लगातार संपर्क में था और सैंपल बदलने के लिए उसी ने पैसों की पेशकश की थी।
बता दें कि पुलिस की जाँच में ये बात सामने आई है कि शराब के नशे में धुत नाबालिग के ब्लड सैंपल को उसकी माँ के ब्लड सैंपल से ही बदला गया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक नाबालिग लड़के की माँ शिवानी अग्रवाल ने पुणे के ससून जनरल अस्पताल में अपना ब्लड सैंपल दे दिया था। इस सैंपल को ही उनके बेटे के सैंपल के साथ बदल दिया गया। ये हेराफेरी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हलनोर और उनके स्टाफ ने की थी। इस फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद डॉ. हलनोर और डॉ. अजय तावड़े को गिरफ्तार कर लिया गया था।
दरअसल, फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की रिपोर्ट में पहले ब्लड सैंपल में अल्कोहल नहीं पाया गया। संदेह होने पर एक दूसरे अस्पताल में फिर टेस्ट किया गया। यहाँ खुलासा हुआ कि ब्लड सैंपल दो अलग-अलग व्यक्तियों के थे। दूसरे टेस्ट की रिपोर्ट सामने आने के बाद पुलिस को शक हुआ कि ससून अस्पताल के डॉक्टरों ने आरोपित को बचाने के लिए सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है।