पंजाब की कॉन्ग्रेस सरकार और गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यूपी की योगी आदित्यनाथ की सरकार को उन्हें रूपनगर जेल से उत्तर प्रदेश के बाँदा जेल में ट्रांसफर करने की माँग करने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है। वहीं यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर पंजाब की अमरिंदर सरकार और रूपनगर जेल प्रशासन को निर्देश देने की माँग की कि मऊ के विधायक माफिया मुख़्तार अंसारी की हिरासत जल्द से जल्द जिला जेल यूपी के बाँदा जेल को सौंप दी जाए।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष एडवोकेट दवे ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर यूपी सरकार की याचिका के सुनवाई योग्य होने का विरोध किया#MukhtarAnsariCase #SupremeCourthttps://t.co/Sad71cLGEc
— लाइव लॉ हिंदी (@LivelawH) March 4, 2021
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आरएस रेड्डी की पीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि वह उत्तर प्रदेश सरकार और मऊ के विधायक अंसारी की याचिकाओं पर फैसला सुनाएगी। वहीं योगी सरकार के डर से मुख्तार अंसारी ने अपने खिलाफ मामलों को यूपी के बाहर स्थानांतरित किए जाने की माँग की है। सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें दी। वहीं अंसारी की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दलीलें पेश की।
सुनवाई के दौरान, सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने जेल नियमों का हवाला देते हुए कहा कि भले ही राज्य के पास मौलिक अधिकार नहीं है… यह बात गलत है। राज्य पीड़ितों के अधिकारों का समर्थन कर सकता है। राज्य हमेशा पीड़ित और समाज की भूमिका का निर्वहन करता रहा है। माफिया मुख्तार अंसारी ने जेल नियमों का उल्लंघन किया है। ऐसे में पीड़ितों के अधिकार के साथ ही राज्य के अधिकार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। अपराधी को किसी भी सूरत में निष्पक्ष सुनवाई बाधित करने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
वहीं पंजाब सरकार और माफिया डॉन मुख़्तार अंसारी की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दलीलें पेश करते हुए कहा कि विपक्ष की एक पार्टी से जुड़े होने के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। मैं अंसारी से जुड़े मामलों को उत्तर प्रदेश से बाहर स्थानांतरित करने का अनुरोध करता हूँ। इन्हें दिल्ली स्थानांतरित किया जा सकता है।
वहीं पंजाब सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि यूपी में मुख़्तार अंसारी के खिलाफ पिछले 14-15 वर्षों से आपराधिक सुनवाई चल रही है। उत्तर प्रदेश की रिट याचिका सुनवाई के लायक नहीं है और इसको खारिज कर दिया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि मुख़्तार अंसारी उगाही के एक कथित मामले में जनवरी 2019 से ही पंजाब के रूपनगर जिला जेल में बंद है। वह उत्तर प्रदेश में कई गंभीर आपराधिक मामलों में भी आरोपित है। योगी सरकार उन मामलों में सुनवाई के लिए कई बार यूपी पुलिस को पंजाब रवाना कर चुकी है लेकिन हर बार पंजाब की अमरिंदर सरकार अंसारी को बचाने के लिए कोई न कोई पैंतरे अपनाती रही है।