कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के सिंघु, टिकरी, कुंडली, गाजीपुर समेत सभी बॉर्डरों पर किसान धरने पर बैठे हैं। इन किसानों में सबसे ज्यादा संख्या पंजाब के किसानों की हैं। मौके पर माहौल और सिंघु बॉर्डर पर लगे मंच पर हो रहे भाषणों से ये कहा जा सकता है कि आंदोलन किसानों के मुद्दों को छोड़कर अन्य मुद्दों की ओर डाइवर्ट हो गया है।
सिंघु बॉर्डर पर बैठे आंदोलित किसानों ने अपने वाहनों और धरना स्थल पर जगह-जगह ‘वी आर फार्मर, नॉट टेररिस्ट’ के बैनर और पोस्टर लगा रखे हैं। लेकिन इन पोस्टरों के उलट भी बहुत कुछ ऐसा चल रहा है जो साबित करता है कि इस आंदोलन में बब्बर खालसा इंटरनेशनल आतंकी संगठन से जुड़े लोग भी शामिल हैं।
Poster of Jagtar Singh Hawara, terrorist of Babbar Khalsa displayed at farmers’ protest at Singhu border.
— Anshul Saxena (@AskAnshul) December 18, 2020
He’s behind the assassination of 12th CM of Punjab, Beant Singh. Total 17 people were killed.
What does his poster have to do with farmers? pic.twitter.com/noANaONbYd
इसका सबसे बड़ा सबूत आंदोलन स्थल पर लगा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह समेत 17 लोगों की हत्या के दोषी जगतार सिंह हवारा और उसके साथियों के पोस्टर है। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि हवारा के नाम पर बने संगठन अकाल यूथ की ओर से लंगर लगाया गया है। यह लंगर संयुक्त मोर्चा के मंच से 300 मीटर की दूरी पर लगा हुआ है। जहाँ लंगर लगा है, वहीं पर ट्रैक्टर ट्राली के दोनों ओर हवारा के फोटो लगे दो बड़े-बड़े पोस्टर लगे हैं।
Poster of Jagtar Singh Hawara, terrorist of Babbar Khalsa displayed at farmers’ protest at Singhu border.
— IndiaFirst🇮🇳 (@RoshanBahuguna3) December 19, 2020
He’s behind the assassination of 12th CM of Punjab, Beant Singh. Total 17 people were killed.
What does his poster have to do with farmers? pic.twitter.com/W5RqJXWgZJ
कौन है जगतार सिंह हवारा?
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह समेत 17 लोगों की हत्या के दोषी खालिस्तान समर्थक आतंकी जगतार सिंह हवारा को चंडीगढ़ की निचली अदालत ने फाँसी की सजा सुनाई थी। हालाँकि, पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने फाँसी की सजा को उम्रकैद में बदलते हुए निर्देश दिया था कि उसे अंतिम साँस तक जेल में रखा जाए। मगर पिछले दिनों लुधियाना की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अतुल कसाना की अदालत ने तिहाड़ जेल में बंद आतंकी जगतार सिंह हवारा को 24 वर्ष पूर्व लुधियाना के घंटाघर में हुए बम ब्लास्ट मामले में बरी कर दिया। अदालत में पेश हुए 23 गवाहों में से किसी ने भी आरोपित की शिनाख्त नहीं की थी।
गौरतलब है कि प्रोटेस्ट के 15वें दिन वहाँ से एक ऐसी तस्वीर सामने आई थी जिसने साबित कर दिया था कि पूरे आंदोलन को वामपंथियों-खालिस्तानियों ने हाईजैक कर लिया है। तस्वीर में नजर आया था कि किसान महिलाएँ हाथ में उमर खालिद और शरजील इमाम जैसे कट्टरपंथियों और अर्बन नक्सलियों की रिहाई माँग रही थी। पोस्टर के सभी चेहरे वही थे जो सीएए/एनआरसी के ख़िलाफ़ आवाज उठा रहे थे। लोगों ने ये देख कर पूछा था कि क्या ये लोग भी अब किसान बन गए हैं।
वहीं पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें ‘प्रदर्शनकारी’ महिलाएँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मरने की दुआ कर रही थी। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में महिला कह रही थी, “मोदी मर जा तू, शिक्षा बेच के खा गया रे मोदी, मर जा तू। रेल बेचकर खा गया रे मोदी, मर जा तू। देश बेच के खा गया रे मोदी, मर जा तू। किसानों को धोखा दे गए रे मोदी, मर जा तू।” वहीं सामने बैठी महिला बार-बार ‘हाय-हाय मोदी मर जा तू’ दोहरा रही थी।