जाब सरकार के राज्य कोटे के तहत खरीदे गई कोवैक्सिन को निजी अस्पतालों को बेचने के फैसले पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे पंजाब सरकार ने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के नाम पर अपने इस कदम से प्रति खुराक 660 रुपए का लाभ कमाया है।
इसके अलावा, निजी अस्पताल को प्रति खुराक 500 रुपए का लाभ होता है क्योंकि ग्राहक को टीके की एक खुराक के लिए 1,560 रुपये का भुगतान करना होता है।
दिलचस्प बात यह है कि परिभाषा के अनुसार कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के मूल में परोपकार होता है, जो पंजाब सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम में कहीं भी दिखाई नहीं देता है।
पंजाब सरकार ने निजी अस्पतालों को बेचीं 20000 वैक्सीन
हाल ही में खरीदी गई एक लाख वैक्सीन में से, पंजाब सरकार ने राज्य भर के निजी अस्पतालों को 1,060 रुपए प्रति खुराक की दर से कम से कम 20,000 वैक्सीन बेचीं, जिसकी कीमत 400 रुपए थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, निजी अस्पताल वैक्सीन की प्रति खुराक के लिए कम से कम 1560 रुपए वसूल रहे हैं।
अभियान में शामिल अधिकारियों का दावा है कि सरकार ने टीकाकरण सीएसआर फंड के नाम से एक अलग बैंक खाता बनाया है और निजी अस्पताल इस खाते में ही पैसा जमा करते हैं। वैक्सीन की खरीद में शामिल राज्य के अधिकारियों ने कहा कि निजी अस्पतालों से एकत्र अतिरिक्त धन का उपयोग वैक्सीन खरीदने के लिए किया जाएगा।