पंजाब के मोहाली में इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर की बिल्डिंग में किए गए ब्लास्ट मामले में मास्टरमाइंड का पता चल गया है। पंजाब पुलिस के अनुसार, इस पूरे हमले की साजिश रचने वाला लखबीर सिंह लांडा है। इससे पहले इस केस में पाकिस्तान में रहने वाले हरविंदर सिंह रिंडा को मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर देखा जा रहा था। हालाँकि अब पुलिस ने बताया है कि मास्टरमाइंड लखबीर सिंह है जो कि हरविंदर सिंह रिंडा का करीबी है। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए अब तक 6 आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
पंजाब डीजीपी ने गिरफ्तारी संबंधी जानकारी के साथ बताया, “मुख्य साजिशकर्ता लखबीर सिंह लांडा है। वह तरनतारन का रहने वाला है। वह गैंगस्टर है और कनाडा में 2017 से रह रहा है। वह आईएसआई के नजदीकी हरविंदर सिंह रिंडा का करीबी है।… हम देख सकते हैं कि ये सब बब्बर खालसा इंटरनेशनल व गैंगस्टर ने आईएसआई के साथ मिल कर किया है। लांडा का मुख्य साथी निशान सिंह है जो तरनतारन का निवासी है। उसे फरीदकोट पुलिस ने कुछ दिन पहले गिरफ्तार कर लिया है।”
Disturbing visuals coming frm Shri Mata Vishno Devi University Katra where 2 groups of students clashd allegedly over an issue dating back to first Covid lockdown. 1/n@OfficeOfLGJandK @MukeshSinghIPS @JmuKmrPolice @nitishwarKumar @islahmufti @RisingKashmir @KNO_NEWS pic.twitter.com/lV61gImUji
— JandK Students Association (@JKSTUDENTSASSO) May 12, 2022
डीजीपी ने बताया, “निशान सिंह ने दो आरोपितों को अपने घर में और अपने जानने वालों के घर में जगह दी हुई थी।” पुलिस ने जानकारी दी कि निशान सिंह के दो साथी भी इन सबमें शामिल थे। वह भी तरनतारन के हैं। इनके पास से पुलिस को एके-47 मिली है। इसके अलावा पुलिस को आरपीजी भी हैंडओवर किया गया है।”
मोहाली ब्लास्ट केस में 6 गिरफ्तार, 1 महिला भी
गौरतलब है कि इस मामले में अब तक 6 गिरफ्तारियाँ हुई हैं। इनके नाम कंवर बाथ, बलजीत कौर, बलजीत रैंबो, आनंददीप सोनू, जगदीप कांग, निशांत सिंह हैं। इनके अलावा दो और संदिग्धों पर पुलिस ने लगातार नजर बनाई हुई है। ये बिहार के मोहम्मद नसीम आलम और सरफराज हैं।
मोहाली ब्लास्ट
बता दें कि पिछले हफ्ते मोहाली के सेक्टर 77 में पंजाब पुलिस की इंटेलीजेंस विंग की हाई सिक्योरिटी वाली बिल्डिंग में आरपीजी (रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड) से हमला किया गया था। हालाँकि, अच्छी बात ये थी कि इसमें धमाका ही नहीं हुआ, जिससे किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ। ग्रेनेड इमारत की तीसरी मंजिल पर गिरा। इससे काँच के दरवाजे जरूर टूट गए थे।