Monday, December 23, 2024
Homeदेश-समाज50 करोड़ भारतीयों को वायरस से मारने की दुआ करने वाले मौलवी ने माँगी...

50 करोड़ भारतीयों को वायरस से मारने की दुआ करने वाले मौलवी ने माँगी माफी, पर ऐंठन बरकरार

"मैंने मुख्यमंत्री से प्रार्थना की है कि वे हमारे अस्पताल को लेकर लोगों के लिए अस्थायी आइसोलेशन वार्ड के रूप में प्रयोग करें। मैंने उनसे यह भी प्रार्थना की है कि वे प्रवासी मजदूरों को उनके गाँव वापस जाने के लिए सुरक्षित रास्ता मुहैय्या कराएँ साथ ही 15 दिनों तक 10,000 प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन का इंतजाम करें। मेरा उद्देश्य किसी की भावना आहत करना नहीं था।"

कुछ दिन पहले जिस बंगाली मौलवी ने अल्लाह से ऐसा वायरस भेजने की माँग की थी जिससे 50 करोड़ हिन्दुस्तानी मारे जाएँ। आज उसने अपने उस नफरत भरे बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि उसका इरादा ऐसा कुछ नहीं था और उसके वीडियो को लोगों ने एडिट किया है। पीरज़ादा शिद्दीकी नामक यह घृणा से भरा मौलाना माफ़ी माँगते हुए भी ऐसा लगता है जैसे कोई एहसान कर रहा हो। जैसे इसका यह स्पष्टीकरण भी किसी दबाव में आया हो क्योंकि बात करने की टोन से साफ पता चलता है कि इसकी ऐंठन बरकरार है। माफी माँगते वक्त भी वो ऐसे पढ़ रहा है जैसे कोई जबरदस्ती हो। उसकी आवाज में माफी माँगने वाले का लोच नहीं, बल्कि ऐंठन है। लगता है कि वो बस ख़ानापूर्ति कर रहा है माफीनामा पढ़ कर।

बांग्लाहंट नामक मीडिया साइट के अनुसार अपने माफीनामे में पीरज़ादा सिद्दीकी कहता है, “मैं पीरज़ादा सिद्दीकी हूँ। मैं यहाँ कुछ महत्त्वपूर्ण बात पर विचार करना चाहता हूँ। मैं देख रहा हूँ कि पिछले कुछ दिनों से मेरे एक भाषण को तोड़-मरोड़ कर संदर्भ से काट कर प्रस्तुत किया जा रहा है। मैं सबको यह बता देना चाहता हूँ कि मैं भारत के लोगों से और इसके संविधान से प्यार करता हूँ। मैं भारत की धर्मनिरपेक्षता का सम्मान करता हूँ। मैं बगैर किसी की जाति या धर्म देखे, लोगों के अधिकारों के लिए काम करता आया हूँ। मैं पुलवामा शहीदों के परिवारों के साथ भी खड़ा रहा हूँ। मैंने पार्थ चक्रवर्ती की हत्या करने वालों के लिए फाँसी की माँग करते हुए धरने प्रदर्शन और जुलुस भी निकाले हैं।”

“मेरे वीडियो को कुछ लोगों ने एडिट किया है जिससे वो मुझे हरा सकें। मुझे इससे बेहद तकलीफ पहुँची है। बतौर समाज सुधारक जिसकी पिछली 4 पीढ़ियाँ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रही हों, मैं कभी भी भारत के लोगों के खिलाफ नहीं जा सकता। देश एक मुश्किल समय से गुजर रहा है। लोगों को जाति, धर्म, नस्ल की सभी दीवारों के परे इस कोरोना वायरस के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़नी होगी। मैंने मुख्यमंत्री के सहायता फंड में एक लाख एक रुपए का सहयोग किया है। मैंने दूसरे राज्यों से आए मजदूरों को हेल्पलाइन नंबर के जरिए मदद पहुँचाई है, मैंने गरीबों और वंचित तबकों के बीच अन्न और ज़रूरी सामग्रियों का भी वितरण किया है।”

माफीनामे में आगे वो कहता है, “मैंने मुख्यमंत्री से प्रार्थना की है कि वे हमारे अस्पताल को लेकर लोगों के लिए अस्थायी आइसोलेशन वार्ड के रूप में प्रयोग करें। मैंने उनसे यह भी प्रार्थना की है कि वे प्रवासी मजदूरों को उनके गाँव वापस जाने के लिए सुरक्षित रास्ता मुहैय्या कराएँ साथ ही 15 दिनों तक 10,000 प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन का इंतजाम करें। मेरा उद्देश्य किसी की भावना आहत करना नहीं था। अगर किसी को मेरी कही बात से दुःख हुआ है तो मैं उनसे माफ़ी माँगना पसंद करूँगा। बतौर एक इस्लामिक धर्मगुरु मेरा कर्त्तव्य है कि मुझसे किसी की भावनाएँ आहत न हों। मैं आने वाले दिनों के सुख और दुःख दोनों में आपके साथ खड़े होने के लिए संकल्पित हूँ। डॉक्टरों की सलाह मानिए और प्रशासन के साथ सहयोग करिए। अंत में में अल्लाह से दुआ करता हूँ कि वो इस महामारी से हमारे देश को बचाए।”

याद रहे कि अपने वायरल वीडिओ में यह कहते हुए सुना जा सकता है- “बहुत जल्द मेरे पास खबर आई है कि पिछले दो दिनों से मस्जिदों में आग लगाईं जा रही है, माइक जलाए जा रहे हैं। मुझे लगता है कि एक महीने के अंदर ही कुछ होने वाला है। अल्लाह हमारी दुआ कबूल करे। अल्लाह हमारे भारतवर्ष में एक ऐसा भयानक वायरस दे कि भारत में दस-बीस या पचास करोड़ लोग मर जाएँ। क्या कुछ गलत बोल रहा मैं? बिलकुल आनंद आ गया इस बात में।” इसके बाद वहाँ मौजूद भीड़ मौलवी की कही बात पर खूब शोर के साथ अपनी सहमती दर्ज कराती है।

@porbotialora ने ट्विटर पर यह वीडियो शेयर करते हुए लिखा था कि बंगाली सुन्नी कह रहा है कि उसे इस बात से फर्क नहीं पड़ता है कि वह मरेगा या बचेगा लेकिन वो हिन्दुओं को अपने साथ लेकर जाएगा।

यह वीडियो ऐसे समय पर सामने आया है जब दिल्ली स्थित निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मौलाना साद समेत तबलीगी के सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। हाल ही में दिल्ली निजामुद्दीन इलाके में हुए इस्लामिक धार्मिक आयोजन (तबलीगी जमात मरकज) के बाद मरकज में शामिल कई मुस्लिमों के देशभर में फ़ैल जाने से बवाल खड़ा हो गया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

केरल के सरकारी स्कूल में मन रहा था क्रिसमस, हिंदू कार्यकर्ताओं ने पूछा- जन्माष्टमी क्यों नहीं मनाते: टीचरों ने लगाया अभद्रता का आरोप, पुलिस...

केरल के एक सरकारी स्कूल में क्रिसमस मनाए जाने पर कुछ हिन्दू कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाए। इसके बाद उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

जिन 3 खालिस्तानी आतंकियों ने गुरदासपुर पुलिस चौकी पर फेंके थे ग्रेनेड, उनका UP के पीलीभीत में एनकाउंटर: 2 एके-47 के साथ ग्रोक पिस्टल...

इस ऑपरेशन को यूपी और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया। मारे गए आतंकियों की पहचान गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि और जसप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह के रूप में हुई है।
- विज्ञापन -