उत्तर प्रदेश में हाल ही में रेलवे को निशाना बनाकर की जा रही घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकस कर दिया है। रेलवे ट्रैक पर जानबूझकर सरिया, लकड़ी, सिलेंडर, साइकिल फेंकने जैसी घटनाएँ गहरी साजिश का संकेत दे रही हैं। ललितपुर से लेकर संत कबीर नगर और कानपुर से लेकर मध्य प्रदेश तक ऐसी कई वारदातें सामने आ चुकी हैं। ताजे मामले में ट्रेन के सामने साइकिल फेंककर नुकसान पहुँचाने की कोशिश की गई है, तो एक अन्य मामले में ट्रेन के सामने सरिया रख दिया गया।
संतकबीर नगर: साबरमती एक्सप्रेस को बनाया निशाना
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संतकबीर नगर में एक साइकिल साबरमती एक्सप्रेस के सामने फेंकी गई, जिससे ट्रेन का इंजन क्षतिग्रस्त हो गया। लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को तुरंत रोका, लेकिन इंजन में साइकिल फँस गई। रेल पुलिस के अनुसार शनिवार की सुबह करीब 6:30 बजे सुबह गोरखपुर से लखनऊ की ओर जा रही साबरमती एक्सप्रेस खलीलाबाद के पुराना आरटीओ कार्यालय के पास से गुजर रही थी। इस दौरान अज्ञात व्यक्ति ट्रेन के आगे साइकिल फेंककर भाग निकला। ट्रेन में फंसी साइकिल देख चालक ने सात सौ मीटर आगे जाकर ट्रेन रोक कर क्षतिग्रस्त हुई साइकिल निकाली। इसके बाद ट्रेन आगे रवाना हुई।
एसपी सत्यजीत गुप्ता सहित कोतवाली के साथ कई थानों के एसएचओ मौके पर पहुँचे। साथ ही जीआरपी के एसओ, सीओ, आरपीएफ के अधिकारी घटना स्थल के आस पास साइकिल फेंकने वाले की तलाश कर रहे हैं। हालाँकि इस घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, लेकिन यह घटना रेलवे की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती है। यह घटना स्पष्ट करती है कि रेलवे के सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करने की आवश्यकता है। पुलिस ने इसे बच्चों की शरारत मानकर जाँच की, लेकिन इससे बड़ी साजिश की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
ललितपुर: लोहे की छड़ से पातालकोट एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश
ललितपुर में पातालकोट एक्सप्रेस के साथ भी एक गंभीर घटना घटी, जब ट्रैक पर रखी गई लोहे की छड़ ट्रेन के इंजन में फंस गई। ट्रेन संख्या 14624 पातालकोट एक्सप्रेस के इंजन में लोहे की सरिया फंस गई. जिससे चिंगारी निकलने लगी। गेटमैन की सूचना पर ट्रेन के लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर बड़ी दुर्घटना होने से बचा लिया। पुलिस की जाँच में पता चला कि युवक सत्यम यादव ने रेलवे की कंस्ट्रक्शन साइट से छड़ चुराई थी और भागते समय ट्रेन के डर से इसे ट्रैक पर छोड़ दिया। इस घटना ने रेलवे की सुरक्षा में चूक को उजागर किया है और यह संकेत देती है कि ऐसी घटनाएँ सुरक्षा के बड़े खतरे का हिस्सा हो सकती हैं।
वारदातों के पीछे का मकसद क्या?
रेलवे को निशाना बनाकर की जा रही इन घटनाओं का मकसद केवल शरारत नहीं हो सकता। यह घटनाएँ आतंकी साजिशों का हिस्सा भी हो सकती हैं, जिनका मकसद भारत को बड़ा नुकसान पहुँचाना हो सकता है। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह जरूरी है कि वे इन वारदातों के पीछे के असली मकसद को समझें और इसके अनुसार कार्रवाई करें।