राजस्थान में सामूहिक विवाह सम्मेलन में नए जोड़ों को हिंदू विरोधी शपथ दिलाने का मामला सामने आया है। यह विवाह सम्मेलन भरतपुर में हुआ बताया जा रहा है। इसका वीडियो वायरल हो रहा है।
वीडियो में 11 नवविवाहित जोड़ों को शपथ दिलाई जा रही है। इसमें कहा जा रहा है, “मैं ब्रह्मा, विष्णु, महेश और गणेश को नहीं मानूँगा और ना ही उनकी पूजा करूँगा।” इस दौरान कई अधिकारी भी मौजूद थे। विश्व हिंदू परिषद ने इस शपथ पर आपत्ति जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
‘मैं ब्रह्मा,विष्णु और महेश को नहीं मानूंगा’,राजस्थान के भरतपुर में 11 जोड़ों को दिलवाई गई हिंदू विरोधी शपथ| pic.twitter.com/lUCGXYVVPc
— Priya singh (@priyarajputlive) November 22, 2022
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भरतपुर के कुम्हेर कस्बे में रविवार (20 नवंबर 2022) को संत रविदास सेवा समिति की ओर से सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया था। समिति की ओर से यह पाँचवाँ आयोजन था। सबसे पहले 11 जोड़ों का बौद्ध धर्म में कन्वर्ट करवाया गया। फिर इसके बाद सभी विवाहित जोड़ों को शपथ दिलाई गई।
शपथ में कहा गया, “मैं ब्रह्मा, विष्णु और महेश को ईश्वर नहीं मानूँगा। उनकी पूजा नहीं करूँगा। राम और कृष्ण को ईश्वर नहीं मानूँगा। उनकी पूजा नहीं करूँगा। गौरी-गणपति आदि हिंदू धर्म के किसी देवी-देवता को नहीं मानूँगा और ना ही उनकी पूजा करूँगा। ईश्वर ने अवतार लिया है इस पर मेरा विश्वास नहीं है। मैं ऐसा कभी नहीं मानूँगा कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार हैं। ऐसे प्रचार को मैं पागलपन और झूठा समझता हूँ। मैं बौद्ध धर्म के विरोध में कभी कोई बात नहीं करूँगा।”
मुहिम चलाकर कार्रवाई करेंगे: विहिप
इसको लेकर विश्व हिंदू परिषद के भरतपुर जिला अध्यक्ष लाखन सिंह ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है। इस कार्यक्रम में कुम्हेर डीग के अधिकारी भी मौजूद थे। उनके जाने के बाद सार्वजनिक कार्यक्रम में खुले मंच से विवादित शपथ दिलवाई गई। यह गलत है। यह देश की अखंडता के लिए खतरा है। कड़े शब्दों में इसका विरोध करते हैं। उन्होंने कहा, “विश्व हिंदू परिषद का अध्यक्ष होने के नाते मैं अपील करता हूँ कि प्रशासन इस तरफ ध्यान दे। वरना हम मुहिम चलाकर कार्रवाई करेंगे, विरोध करेंगे तो ऐसे लोग ही जिम्मेदार होंगे।”
भरतपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष यशवंत सिंह फौजदार ने इस विवादित शपथ को कानून के खिलाफ बताया है। उनके मुताबिक यह हिंदू मैरिज एक्ट और हिंदू मेंटेनेंस एंड सक्सेशन एक्ट के खिलाफ है। यह असंवैधानिक है। ऐसी शपथ का संविधान में कोई भी उल्लेख नहीं है।
गौरतलब है कि अक्टूबर में हिंदू विरोधी शपथ इसी तरह दिल्ली में दिलाई गई थी। उस कार्यक्रम में आप नेता राजेंद्र पाल गौतम भी शामिल थे। इसका वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें केजरीवाल सरकार से इस्तीफा देना पड़ा था। इसी तरह नवंबर में छत्तीसगढ़ के राजनंदगाँव की कॉन्ग्रेस मेयर हेमा देशमुख भी इसी तरह के एक कार्यक्रम में शामिल हुईं थी।