राजस्थान के भरतपुर जिले के पसोपा गाँव में अवैध खनन पर रोक लगाने में सरकार की नाकामी के विरोध में आत्मदाह करने वाले साधु बाबा विजयदास की दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई। उन्होंने 20 जुलाई को केरोसिन डालकर खुद के शरीर में आग लगा ली थी। 21 जुलाई को उसकी स्थिति स्थिर बताई गई, लेकिन शनिवार की सुबह उनकी मौत हो गई। उपमंडल अधिकारी संजय गोयल के अनुसार, “साधु विजयदास की अस्पताल में तड़के करीब 2:30 बजे मौत हो गई। उल्लेखनीय है कि आग लगाए जाने के बाद उनका इलाज चल रहा था। पोस्टमॉर्टम सुबह 9 बजे के लिए निर्धारित किया गया है।”
अवैध खनन के विरोध में लगातार प्रदर्शन कर रहे साधुओं की सुनवाई नहीं हो रही थी, जिसके बाद विरोध स्वरूप बाबा विजयदास ने आत्मदाह की कोशिश की। इस घटना के बाद राज्य सरकार हरकत में आई और अवैध खनन का मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर हाई लाइट हो सका।
Sadhu who attempted self-immolation in Rajasthan’s Bharatpur dies in Delhi hospital
— ANI Digital (@ani_digital) July 23, 2022
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संतों ने राज्य सरकार को क्षेत्र में खनन पर रोक लगाने के लिए मनाने का हर संभव कोशिश की थी। हालाँकि, 500 से अधिक दिनों के इंतजार और कई खोखले वादों के बाद संतों ने मामले को आगे बढ़ाने का फैसला किया। बाबा हरिबोलदास ने करीब दस दिन पहले घोषणा की थी कि अगर सरकार ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया तो वह 19 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह कर लेंगे। लेकिन बाद में उनसे और समय की माँग कर अधिकारियों ने मामले को आगे बढ़ा दिया।
पहले तो संतों ने इंतजार किया, लेकिन 19 जुलाई तक जब सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं गई तो विरोध में बाबा नारायणदास पासोपा गाँव में स्थित एक मोबाइल टॉवर पर चढ़ गए। चारों ओर इसकी चर्चा शुरू होते ही आस पास के कई संतों ने बाबा नारायणदास साथ दिया। इस बीच पुलिस ने बाबा हरिबोलदास को आत्मदाह करने से रोकने के लिए हिरासत में ले लिया।
वहीं अधिकारियों ने बाबा नारायणदास को भी टावर से नीचे उतारने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन वो इसमें विफल रहे। टावर पर ही उन्हें ग्लूकोज और खाना दिया गया। अगले दिन भी वो टावर के ऊपर ही रहे। इधर बाबा विजयदास विरोध में केरोसीन डालकर आत्महत्या की कोशिश की। राधे राधे का जाप करते हुए उन्होंने खुद को आग लगा ली।
पुलिस और स्थानीय लोगों ने उन्हें बचाने की कोशिश की। हालाँकि, जब तक आग बुझती तब तक वो बुरी तरह से झुलस गए थे। उन्हें इलाज के लिए तत्काल अस्पताल में भर्ती किया गया। घटना के बाद जिलाधिकारी आलोक रंजन, आईजी गौरव श्रीवास्तव, एसपी श्याम सिंह, जोनल कमिश्नर सनवर्मल वर्मा समेत कई अन्य आला अधिकारी मौके पर पहुँचे।
ऑपइंडिया ने अवैध खनन और हिंदू संतों के विरोध के मुद्दे को रिपोर्ट किया था, जिसे यहाँ पढ़ा जा सकता है।