राजस्थान में सवाई माधोपुर में एक बेहद ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है। भ्रष्टाचार न करने की सीख देने वाले एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के डीएसपी खुद ही रिश्वत लेते धरे गए। दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार दिवस के मौके पर डीसीपी पद पर तैनात भैरूलाल मीणा ने भाषण देते हुए भ्रष्टाचार करने वालों की शिकायत टोल फ्री नंबर 1064 पर देने की सलाह दी। इसके एक घंटे बाद ही एसीबी के इस डीएसपी को 80 हजार रुपए की घूस लेते गिरफ्तार कर लिया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, भ्रष्टाचार दिवस के मौके पर आयोजित एक समारोह में डीसीपी मीणा बतौर मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल थे। जहाँ उन्होंने भाषण देते हुए कहा, “हमें पूरी ईमानदारी के साथ भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त करना है। केंद्र और राज्य सरकार का कोई भी कर्मचारी घूस माँगे तो टोल फ्री 1064 या हेल्पलाइन नंबर 9413502834 पर किसी भी समय पर कॉल या व्हाट्सएप कर सकते हैं।” जिसके एक घंटे बाद वह खुद ही भ्रष्टाचारी निकल गए।
बीते 9 दिसंबर को राजस्थान राज्य एंटी करप्शन महकमे ने अपने जिला भ्रष्टाचार निरोधक शाखा प्रभारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ दबोचा। टीम ने रिश्वत देने वाले को भी नहीं बख्शा। आरोपित के साथ गिरफ्तार जिला परिवहन अधिकारी (रिश्वत देने वाले, डीटीओ) का नाम महेश चंद मीणा है। महेश चंद मीणा रिश्वत देने पहुँचा था। जिस दौरान वह और डीसीपी दोनों ही एसीबी अधिकारियों द्वारा बिछाए गए जाल में फँस गए।
वहीं मामले की जानकारी देते हुए ब्यूरो के महानिदेशक बीएल सोनी ने बताया कि सवाई माधोपुर के डीएसपी भैरूलाल द्वारा मंथली रिश्वत राशि लेने की कई शिकायतें मिली थी। ब्यूरो ने उसका सत्यापन करवाया तो सूचना सही निकली। इस पर बुधवार को ब्यूरो की जयपुर टीम ने जाल बिछाकर कार्रवाई को अंजाम दिया।
अधिकारी ने आगे बताया कि योजना के मुताबिक भैरूलाल अपने कार्यालय में जिला परिवहन अधिकारी महेशचंद से जब 80 हजार रुपए ले रहे थे, तो उसी समय ब्यूरो की टीम ने दोनों अधिकारियों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया, क्योंकि कानून के मुताबिक रिश्वत देना और लेना दोनों ही अपराध है।
बताया जा रहा है कि एसीबी डीएसपी पिछले काफी समय से विभिन्न विभागों के अधिकारियों से रिश्वत ले रहे थे। वहीं टीम ने डीएसपी मीणा के घर पर भी छापा मारा। जिस दौरान उन्हें जमीनों के कागजात और 1.61 लाख रुपए नगद मिले हैं। अब एसीबी की टीम उनके अन्य ठिकानों की तलाश कर रही है।