राजस्थान में खाकी के दामन पर एक और दाग लगा है। ACP कैलाश बोहरा को एक रेप पीड़िता से रिश्वत माँगने और उसका यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले एक सब इंस्पेक्टर द्वारा शिकायत दर्ज कराने आई महिला का तीन दिन तक थाना परिसर में ही रेप करने का मामला सामने आया था।
ताजा मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने RPF अफसर कैलाश बोहरा को रविवार (मार्च 14, 2021) को उनके ऑफिस में पीड़िता के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़ा। खबरों के अनुसार, पीड़िता ने जवाहर सर्कल थाने में किसी युवक के खिलाफ दुष्कर्म और धोखाधड़ी समेत 3 मामले दर्ज करवा रखे हैं। इसी केस की जाँच का हवाला देकर अधिकारी बार-बार युवती को अपने ऑफिस बुलाता और कई बार ड्यूटी पूरी होने के बाद भी मिलने के लिए दबाव बनाता।
युवती लंबे समय से अधिकारी के बर्ताव से परेशान थी। उसने एसीबी के डीजी बीएल सोनी से इसकी शिकायत की। डीजी ने बताया कि आरोपित अधिकारी महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट में बतौर प्रभारी सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) तैनात है।
युवती ने 6 मार्च को कैलाश बोहरा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। अपनी शिकायत में युवती ने कैलाश पर रिश्वत माँगने और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसी के बाद एसीबी ने अधिकारी के ख़िलाफ़ उपयुक्त एक्शन लिया।
जानकारी के मुताबिक, अधिकारी को रंगे हाथ रविवार को पकड़ा गया। उसने छुट्टी वाले दिन युवती को कार्यालय बुलाया था। जब युवती ऑफिस में पहुँची तो उसने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। इसके बाद एसीबी ने कैलाश बोहरा को महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा और गिरफ्तार कर लिया।
– जयपुर जिले में पुलिस अफसर ही पीड़ित महिला के साथ दुष्कर्म का प्रयास करता है।
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) March 15, 2021
– बारां जिले में दंपती को रोककर महिला के साथ गैंगरेप होता है।
यह राजस्थान की कानून व्यवस्था का एक छोटा सा दृश्य है, लेकिन अफसोस कि मुख्यमंत्री जी को यह दृश्य दिखाई नहीं देते!#CrimeinRajasthan
गौरतलब है कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी इस घटना के सामने आने के बाद राज्य की पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि जयपुर जिले में पुलिस अफसर ही पीड़ित महिला के साथ दुष्कर्म का प्रयास करता है। बारां जिले में दंपत्ति को रोककर महिला के साथ गैंगरेप होता है। ये राजस्थान की कानून-व्यवस्था का एक छोटा सा दृश्य है, लेकिन अफसोस कि मुख्यमंत्री जी को यह दृश्य दिखाई नहीं देते!
पिछले दिनों अलवर के खड़ेली थाना में अपने पति के खिलाफ FIR लिखवाने गई महिला से बलात्कार का मामला सामने आया था। 26 वर्षीय पीड़िता का पति के साथ विवाद चल रहा है। 2 मार्च 2021 को वह ति के खिलाफ FIR दर्ज करवाने खेड़ली थाना पहुँची थी। आरोप है कि खेड़ली थाने में तैनात सेकेंड ऑफिसर भरत सिंह ने पीड़िता को पति से विवाद के निपटारे का झाँसा दिया। इसके बाद वो थाना परिसर में ही बने आवास में पीड़िता को लेकर गया और वहाँ उसके साथ रेप किया। महिला का आरोप है कि सब-इंस्पेक्टर इतने पर ही नहीं रुके। उसने अगले दो दिन भी पीड़िता को बुलाया और उसके साथ रेप किया।
गौरतलब है कि 2019 में राजस्थान के चुरु जिले में एक दलित युवक की पुलिस हिरासत में हुई संदिग्ध मौत के मामले में भी पुलिस पर रेप के आरोप लगे थे। मृतक की 35 वर्षीय भाभी और परिजनों ने आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों पर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया था।
पीड़िता के पति ने कहा था, “30 जून को चोरी के एक केस में पुलिस मेरे 22 वर्षीय भाई को पकड़ कर ले गई। 3 जुलाई को पुलिस उसे वापस घर ले आई मगर उसी दिन फिर से उठाकर ले गई। पुलिस मेरी पत्नी को भी साथ ले गई। बाद में 6-7 जुलाई की रात पुलिस ने मेरे भाई पर खूब अत्याचार किए और उसकी हत्या कर दी। मेरी पत्नी जो इस अत्याचार की गवाह थी, उसके साथ पुलिस ने गैंगरेप किया। उसके नाखून उखाड़ दिए। उसकी आँखों और उंगलियों को चोट पहुँचाई।”