राजस्थान के उदयपुर में मंगलवार (28 जून, 2022) को टेलर कन्हैया लाल तेली की निर्मम हत्या कर दी गई। वारदात के कुछ ही समय बाद कन्हैया लाल के दोनों हत्यारों को पकड़ लिया गया। और अब हत्यारों को जल्द से जल्द फाँसी की सजा दिए जाने की माँग उठ रही है। राज्य में धारा 144 लागू है। उदयपुर कलेक्टर और एसपी मनोज कुमार समेत दर्जन भर थाने की पुलिस मौके पर तैनात है। शहर की हर गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। कन्हैया लाल का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है। इन सब घटनाक्रमों के बीच आइए आपको बताते हैं इस घटना की शुरूआत कहाँ से हुई, कब-कब क्या-क्या हुआ?
- 10 जून: इस पूरे विवाद की शुरूआत 10 जून को हुई। कन्हैया लाल के मोबाइल से उनके 8 साल के बेटे ने गलती से एक पोस्ट शेयर की थी जो भाजपा के पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में थी। इसको लेकर कन्हैया लाल का स्थानीय लोगों ने विरोध किया। विरोध के बाद पोस्ट डिलीट कर दी गई।
- 11 जून: कन्हैया लाल के खिलाफ धानमंडी थाने में मामला दर्ज किया गया। कन्हैया लाल के पड़ोसी नाजिम अहमद नाम के व्यक्ति ने मामला दर्ज कराया था।
- 12 जून: मुस्लिम पक्ष की तरफ से केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने कन्हैया लाल को गिरफ्तार कर लिया।
- 13 जून: कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में पेशी के बाद कन्हैया लाल को जमानत मिल गई।
- 14 जून: डरा-सहमा कन्हैयालाल दुकान पहुँचा और दिन में ही घर लौट गया, क्योंकि तीन लोग रेकी करते दिखाई दिए।
- 15 जून: बेल पर बाहर आने के बाद कन्हैयालाल ने जान से मारने की धमकी मिलने की शिकायत दी। इस घटना के बाद कन्हैया लाल काफी डर गए। उन्हें धमकियाँ मिल रही थीं। उन्होंने पुलिस को पत्र लिखकर अपनी हत्या की आशंका जताई और सुरक्षा की गुहार लगाई। पुलिस को दिए शिकायती पत्र में उन्होंने लिखा था कि 5-6 दिन पहले उनके मोबाइल पर उनके बेटे से गेम खेलते वक्त पोस्ट हो गई थी। दो दिन बाद कुछ लोग उनकी दुकान पर आए और मोबाइल से पोस्ट के बारे में जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने पोस्ट डिलीट कर दी। शिकायत में कन्हैया लाल ने कहा कि नाजिम व उसके पाँच साथी तीन दिन से दुकान की रेकी कर रहे हैं। दुकान नहीं खोलने दे रहे हैं। अगर दुकान खोली तो ये लोग जान से मार देंगे। इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
- 15 जून: इसी दिन, धानमंडी पुलिस ने कहा कि आप चिंता मत करो। उनको शाम को बुलाकर समझा देंगे। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाइश दे कर मामला रफा-दफा कराने के लिए कन्हैया लाल से समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करवाया। पुलिस ने कहा कि कोई परेशानी आए तो थाने में फोन कर लेना।
- 16, 17, 18 और 19 जून: कन्हैया लाल ने अनहोनी की आशंका के चलते अपनी टेलरिंग की दुकान बंद रखी।
- 17 जून को रियाज अंसारी ने दी जान से मारने की धमकी
- 22 और 23 जून: कन्हैया लाल ने दुकान पर टेलरिंग का काम किया।
- 24 जून: बाइक सवार एक महिला और पुरुष कन्हैया लाल की दुकान आए। धमकाते हुए कहा कि उन्होंने जो काम किया है उसकी जरूर सजा मिलेगी।
- 25 जून: तीन लोगों ने दुकान की रेकी की तो कन्हैया लाल ने पुलिस से बात की। जिस पर पुलिस ने कहा कि आप डरो मत, काम करो, कुछ हो तो बता देना। पुलिस तुरंत पहुँच जाएगी।
- 28 जून: मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद कपड़ा सिलवाने के बहाने से कन्हैया लाल की दुकान में घुसे थे। एक आरोपित वीडियो बनाता रहा, जबकि दूसरा अपना नाप देने लगा। कन्हैया नाप लेने में व्यस्त हो गए। फिर अचानक से आरोपितों ने उन पर हमला कर दिया। कन्हैया चीखते रहे लेकिन आरोपितों ने दबोच कर उनका सिर कलम कर दिया। खून से लथपथ कन्हैया ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
- 29 जून: कन्हैया लाल का उदयपुर के अशोक नगर श्मशान घाट में बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी के बीच अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग मोटरसाइकिल और कार से श्मशान घाट पहुँचे थे। लोगों ने आरोपितों को मौत की सजा की माँग करते हुए नारे लगाए। अंतिम संस्कार में शामिल लोगों ने चिता को अग्नि के हवाले करते ही ‘कन्हैया लाल अमर रहे’ और अन्य नारे लगाए।