राजस्थान में करौली जिले के बूकना गाँव में जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद में पुजारी बाबूलाल वैष्णव को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया था। पुजारी की इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने पुजारी पर पेट्रोल डालने के मुख्य आरोपित कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है।
बताया जाता है कि बुधवार शाम को कैलाश, शंकर, नमो, किशन, रामलखन जमीन पर कब्जा कर छप्पर तानने लग गए। बुजुर्ग पुजारी ने उन्हे रोकने का प्रयास किया तो आरोपितों ने बाजरे की कड़बी और पेट्रोल की बोतल डालकर आग लगा दी। इससे पुजारी बुरी तरह झुलस गए।
गंभीर स्थिति में पुजारी को जयपुर के एसएमएस अस्पताल पहुँचाया गया, जहाँ इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मुख्य आरोपित को गिरफ्तार करने के साथ ही अन्य आरोपितों की तलाशी के लिए पुलिस की अलग-अलग टीम गठित की गई है।
इस घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि एक बात तो स्पष्ट है कि यहाँ महिलाएँ, बच्चे, बूढ़े, दलित, व्यापारी कोई भी सुरक्षित नहीं है। राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार को अब अपनी गहरी नींद को त्यागते हुए दोषियों को सख्त सजा दिलाकर परिवार को तुरंत न्याय दिलाना चाहिए।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर ने कहा कि गहलोत सरकार में अत्याचारों की पराकाष्ठा हो गई है। गहलोत को एक मिनट भी मुख्यमंत्री रहने का अधिकार नहीं है ।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस जघन्य अपराध को लेकर राज्य की गहलोत सरकार पर निशाना साधा है। इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया है कि क्या आप राजस्थान को बंगाल बनाना चाहते हैं।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्विटर पर लिखा, “करौली में एक मंदिर के पुजारी को जिंदा जला देना राजस्थान की दुर्दशा का हाल बता रहा है। अशोक जी राजस्थान को बंगाल बनाना चाहते हो या राज्य जिहादियों को सौंप दिया है! या इसका भी ठीकरा अपने राजकुमार की तरह मोदी जी या योगी जी पर फोड़ोगे ?! षडयंत्रों से समय मिले तो काम भी कर लें!”
पूरे मामले में पुलिस-प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। ‘दैनिक भास्कर’ की खबर के अनुसार, प्रशासन इस मामले को शुरुआत में ‘आत्मदाह’ बताती रही। पुजारी ने मौत से पहले ही आरोपित कैलाश का नाम ले लिया था, बावजूद इसके उसे गिरफ्तार करने में पुलिस ने 24 घंटे का समय लगा दिया। लोगों की माँग है कि इस मामले के जाँच अधिकारी को भी हटाया जाए। शाम 6 बजे पुजारी का शव गाँव पहुँचा, जिसके बाद पीड़ित परिजनों ने दाह संस्कार से इनकार कर दिया।
पुजारी के परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से भी इनकार कर दिया था। मृतक पुजारी बाबूलाल की पत्नी विमला देवी ने राजस्थान सरकार से माँग की थी कि सभी अभियुक्तों को फाँसी की सज़ा दी जाए, तभी इस मामले में न्याय हो पाएगा। साथ ही इस मामले को जातीय रंग देने की भी कोशिशें हो रही है।