दिल्ली में लगातार बढ़ रहे कोरोनावायरस संक्रमण के बीच भारतीय किसान संघ (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार (29 अप्रैल) को कहा कि किसान आंदोलन चलता रहेगा। टिकैत के कहने का यही मतलब था कि चाहे संक्रमण कितना भी बढ़ जाए उनकी आंदोलन की नौटंकी चलती रहेगी।
29 अप्रैल को हरियाणा के भिवानी में प्रेम नगर गाँव में किसान महा पंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि Covid-19 संक्रमण की दूसरी लहर के बाद भी किसान दिल्ली बॉर्डर में प्रदर्शन स्थल से नहीं हटेंगे।
टिकैत ने कहा, “Covid-19 के बढ़ते संक्रमण के बीच सरकार किसानों की आवाज को दबाना चाहती है। हम सरकार से बात करने को तैयार हैं। गुजरात में किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हैं लेकिन अगर किसानों का मुद्दा नहीं सुलझा तो भाजपा सरकार गुजरात मॉडल को पूरे देश में लागू कर देगी।“
टिकैत ने भी राम मंदिर के लिए मिले दान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राम मंदिर के लिए दान देने से अच्छा है कि नए एम्स खोलने के लिए लोगों से दान की अपील की जाए। हरियाणा सरकार पर आरोप लगाते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार 6 सालों तक सत्ता में रहने के बाद भी भिवानी में एक मेडिकल कॉलेज भी नहीं बना सकी।
एक अन्य किसान नेता गुरनाम सिंह चारुनी ने राकेश टिकैत की भाषा बोलते हुए कहा कि अगर सरकार पूरे देश में भी सीआरपीसी की धारा 144 लगा देती है तब भी किसान आंदोलन चलता रहेगा।
पंजाब और हरियाणा के कई किसान पिछले 5 महीनों से मोदी सरकार द्वारा पास किए गए कृषि कानूनों को रद्द करने की माँग करते हुए दिल्ली की ओर आने वाले राजमार्गों में धरने पर बैठे हुए हैं।
सितंबर 2020 में मोदी सरकार ने इन कृषि कानूनों को पास किया था। ये तीन कृषि कानून हैं, कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) अधिनियम 2020, कृषक (सशक्तिकरण एवं सुरक्षा) मूल्य निर्धारण समझौता अधिनियम 2020, आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020.
पहले भी यह रिपोर्ट दी जा चुकी है कि दिल्ली बॉर्डर के आसपास होने वाले प्रदर्शन और किसान रैलियों के कारण दिल्ली और उसके आसपास के राज्यों में Covid-19 संक्रमण तेजी से फैला। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (NCDC) के द्वारा जीनोम सीक्वेंसिंग के आधार पर प्राप्त डाटा में बताया गया है कि कोरोनावायरस के यूके स्ट्रेन कई उत्तरी राज्यों में प्रभावी हुआ जिनमें पंजाब भी शामिल है। केंद्र सरकार की प्रयोगशालाओं के दो वैज्ञानिकों ने यह भी जानकारी दी कि पंजाब में बड़ी सँख्या में लोगों के जमा होने के कारण कोरोनावायरस के यह स्ट्रेन दिल्ली, उत्तरप्रदेश और हरियाणा में फैल गया।
Covid-19 संक्रमण ने दिल्ली को बहुत अधिक नुकसान पहुँचाया है। गुरुवार (29 अप्रैल) को संक्रमण से दिल्ली में 395 मौतें हुईं। इसी दिन दिल्ली के अंदर 24,235 नए संक्रमित मरीज मिले और संक्रमण दर बढ़कर 32.82 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए आँकड़ों से यह पता चला है कि पिछले आठ दिनों से दिल्ली में लगातार 300 से अधिक मौतें हुई हैं।