रामायण एक्सप्रेस सर्किट स्पेशल ट्रेन के वेटर्स की भगवा ड्रेस पर विवाद गहराने के बाद भारतीय रेलवे (IRCTC) ने अपने फैसले पर खेद जताया है। IRCTC सोमवार (24 नवंबर 2021) को ट्वीट किया, ”आपको सूचित किया जाता है कि रामायण एक्सप्रेस सर्किट स्पेशल ट्रेन के सर्विस स्टाफ की पेशेवर पोशाक को पूरी तरह से बदल दिया गया है। असुविधा के लिए खेद है।”
It is to inform that the dress of service staff is completely changed in the look of professional attire of service staff. Inconvenience caused is regretted. pic.twitter.com/S5mmpCDE1T
— IRCTC (@IRCTCofficial) November 22, 2021
रेलवे ने अब ड्रेस बदल दी। https://t.co/iy07bAmQsQ pic.twitter.com/Tr4zeWA3OI
— Anil Tiwari (@Interceptors) November 22, 2021
दरअसल, उज्जैन के साधु-संतों ने सर्विस देने वाले वेटर्स की ड्रेस पर आपत्ति जताई थी। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी सामने आया है। वायरल वीडियो में ट्रेन के वेटर्स को भगवा कपड़े, धोती, पगड़ी और रुद्राक्ष की माला पहने हुए दिखाया गया है। साथ ही वेटर्स संतों की वेशभूषा में लोगों को खाना सर्व करते और लोगों के जूठे बर्तन भी उठाते हुए नजर आए। साधु-संतों ने रेलमंत्री को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि अगर वेटर्स की ड्रेस नहीं बदली गई तो वे ट्रेन रोकेंगे और अगली ट्रिप का विरोध करेंगे।
रामायण एक्सप्रेस ट्रेन में रेस्टोरेंट में इस तरह से हिंदू संतों का अपमान न किया जाए। हिंदू संत के वेशभूषा में लोगों का जूठन उठाना बंद किया जाए । वैसे उम्मीद नही है कि कोई ब्राह्मण नेता मुँह खोलेगा पर यह उनके लिए भी लिटमस टेस्ट है। कुर्सी के लिए इतना तो ना गिरो। pic.twitter.com/eSGn9xdbom
— Anil Tiwari (@Interceptors) November 15, 2021
इस डीलक्स एसी टूरिस्ट ट्रेन से भगवान श्रीराम से जुड़े सभी धार्मिक स्थलों का भ्रमण कराया जाता है। रामायण एक्सप्रेस को बेहद खास अंदाज में डिजाइन किया गया है। ट्रेन में दो डाइनिंग कोच तैयार किए गए हैं। एसी कोच वाली ट्रेन में आरामदायक कुर्सी-टेबल लगाए गए हैं। अलग से टॉयलेट भी बनाया गया है, जिसमें नहाने का भी इंतजाम किया गया है। 12 दिसंबर को रामायण एक्सप्रेस ट्रेन की अगली ट्रिप है।
बता दें कि रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन की पहली ट्रिप 7 नवंबर को शुरू हुई थी। दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से यह ट्रेन 156 यात्रियों को लेकर रवाना हुई थी। इस ट्रेन का पहला पड़ाव अयोध्या होता है। यहाँ से ही धार्मिक यात्रा शुरू होती है। अयोध्या से यात्रियों को सड़क मार्ग से नंदीग्राम, जनकपुर, सीतामढ़ी के रास्ते नेपाल ले जाया जाता है। इसके बाद ट्रेन से यात्रियों को भगवान शिव की नगरी काशी ले जाया जाता है। इसका अंतिम पड़ाव रामेश्वरम होता है।