Friday, March 29, 2024
Homeदेश-समाजरामायण एक्सप्रेस में वेटर के भगवा और रुद्राक्ष पहनने पर संत समाज को आपत्ति,...

रामायण एक्सप्रेस में वेटर के भगवा और रुद्राक्ष पहनने पर संत समाज को आपत्ति, रेलमंत्री को पत्र लिख अगली ट्रिप रोकने की दी चेतावनी

रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन की पहली ट्रिप 7 नवंबर को शुरू हुई थी। दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से यह ट्रेन 156 यात्रियों को लेकर रवाना हुई थी। इस ट्रेन का पहला पड़ाव अयोध्या होता है। यहाँ से ही धार्मिक यात्रा शुरू होती है।

धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘देखो अपना देश’ पहल के तहत चलाई जा रही रामायण एक्सप्रेस सर्किट स्पेशल ट्रेन के वेटर्स की भगवा ड्रेस विवादों में है। उज्जैन के साधु-संतों ने सर्विस देने वाले वेटर्स की ड्रेस पर आपत्ति जताई है। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे वीडियो में दिखा रहा है कि इस ट्रेन के वेटर्स भगवा कपड़े, धोती, पगड़ी और रुद्राक्ष की माला पहने हैं। साथ ही वेटर्स संतों की वेशभूषा में लोगों को खाना सर्व कर रहे हैं और लोगों के जूठे बर्तन भी उठाते हुए नजर आ रहे हैं। साधु-संतों ने रेलमंत्री को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि अगर वेटर्स की ड्रेस नहीं बदली गई तो वे ट्रेन रोकेंगे और अगली ट्रिप का विरोध करेंगे। 

संतों का कहना है कि यह उनका अपमान है। ट्रेन के वेटर्स को कोई दूसरी ड्रेस पहनाई जानी चाहिए। अखाड़ा परिषद के पूर्व महामंत्री परमहंस अवधेश पुरी ने कहा है कि जल्द ही वेटर्स की वेशभूषा को बदला जाए, नहीं तो 12 दिसंबर को निकलने वाली अगली ट्रेन का विरोध किया जाएगा।

इस डीलक्स एसी टूरिस्ट ट्रेन से भगवान श्रीराम से जुड़े सभी धार्मिक स्थलों का भ्रमण कराया जाता है। रामायण एक्सप्रेस को बेहद खास अंदाज में डिजाइन किया गया है। ट्रेन में दो डाइनिंग कोच तैयार किए गए हैं। एसी कोच वाली ट्रेन में आरामदायक कुर्सी-टेबल लगाए गए हैं। अलग से टॉयलेट भी बनाया गया है, जिसमें नहाने का भी इंतजाम किया गया है। 12 दिसंबर को रामायण एक्सप्रेस ट्रेन की अगली ट्रिप है।

बता दें कि रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन की पहली ट्रिप 7 नवंबर को शुरू हुई थी। दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से यह ट्रेन 156 यात्रियों को लेकर रवाना हुई थी। इस ट्रेन का पहला पड़ाव अयोध्या होता है। यहाँ से ही धार्मिक यात्रा शुरू होती है। अयोध्या से यात्रियों को सड़क मार्ग से नंदीग्राम, जनकपुर, सीतामढ़ी के रास्ते नेपाल ले जाया जाता है। इसके बाद ट्रेन से यात्रियों को भगवान शिव की नगरी काशी ले जाया जाता है। इसका अंतिम पड़ाव रामेश्वरम होता है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

8 दिन में तीसरी बार ‘CM की कुर्सी’ पर दिखीं सुनीता, किया ‘केजरीवाल को आशीर्वाद’ अभियान का ऐलान: मैसेज भेजने के लिए दिए नंबर,...

अरविंद केजरीवाल ने जो कुछ कोर्ट के सामने कहा उसके लिए बड़ी हिम्मत चाहिए, वो एक सच्चे राष्ट्रभक्त हैं, बिलकुल ऐसे ही हमारे स्वतंत्रता सेनानी अंग्रेजों की तानाशाही से लड़ते थे।

जो डर दूसरों में भरा, उसी डर से खुद मरा मुख्तार अंसारी: पूर्व DSP शैलेंद्र सिंह, माफिया पर POTA लगाने वाले पुलिस अधिकारी को...

पूर्व डीएसपी शैलेंद्र सिंह की मुख्तार की मौत पर प्रतिक्रिया आई। उन्होंने कहा कि माफिया ने जो डर दूसरों में भरा था वही डर अंत में उस पर हावी हुआ।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe