तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरु स्वामी रामभद्राचार्य अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। इस बार उन्होंने हिंदू लड़कियों को विधर्मी लोगों से सतर्क रहने और ‘लव जिहाद’ पर बड़ा बयान दिया है। सोशल मीडिया पर उनका वीडियो वायरल हो रहा है। उत्तर प्रदेश के आगरा में रामकथा सुनाने के दौरान उन्होंने मंगलवार (11 अप्रैल, 2023) को कहा, “हमारी हिंदू लड़कियों को विधर्मी लोग फँसा रहे हैं। बहनों, जो तुम्हारी ओर गलत दृष्टि से देखे, उसकी आँख निकाल लो। फिर जो मुकदमा होगा मैं देख लूँगा।”
रामभद्राचार्य ने अपनी बात को जारी रखते हुए हिंदू लड़कियों से अपनी इज्जत स्वयं बचाने और हाथ में कड़ा पहनने के साथ-साथ कटार चलाने का अभ्यास करने को भी कहा। उन्होंने आगे कहा, “हमने जातिवाद नहीं फैलाया। ये जातिवाद कुर्सी के भेड़िये नेताओं ने फैलाया है।”
लव जि!हाद से व्यथित एक संत की करुण पुकार ..
— Vijay Pathak (@IVijay_Pathak) April 11, 2023
हिंदू बहनों को कड़ा के साथ कटार रखने का किया आह्वान
जगदुरू रामभद्राचार्य जी के इस उद्बोधन को जरूर सुने ।। pic.twitter.com/j73P4udaqn
जगदगुरु रामभद्राचार्य ने आरक्षण खत्म करने की माँग की और नेताओं को ललकारते हुए कहा, “मैं तुम लोगों को चुनौती देता हूँ। अगर माँ का असली दूध पिया है तो तुम जाति के आधार पर निश्चित आरक्षण समाप्त करवाओ। फिर जिसके यहाँ कहोगे, मैं रोटी खाने को तैयार हूँ।”
आगरा
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) April 11, 2023
➡️लव जिहाद और आरक्षण पर बोले स्वामी रामभद्राचार्य
➡️हिंदू लड़कियों को विधर्मी लोग फंसा रहे – रामभद्राचार्य
➡️युवतियों को कड़े के साथ कटार का अभ्यास हो- रामभद्राचार्य
➡️कुर्सी के लिए भेड़िए नेताओं ने फैलाया जातिवाद- रामभद्राचार्य
➡️स्वामी रामभद्राचार्य ने आरक्षण खत्म… pic.twitter.com/6NhHKxHaHR
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रामभद्राचार्य ने रामकथा सुनाने के दौरान यह भी कहा, “ऐसा कहा जा रहा है कि ब्राह्मणों ने जातिवाद को जन्म दिया। लेकिन हमने जातिवाद को जन्म नहीं दिया। बेईमान लोगों ने केवल वोट की राजनीति के लिए देश को बाँटा। अगर हमने जातिवाद फैलाया होता तो शबरी माता के झूठे बेर राम क्यों खाते? जब रामचरितमानस राष्ट्रीय ग्रंथ बनेगी, तभी समाज का सुधार हो सकेगा।”
गौरतलब है कि बीते दिनों तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने रामकथा के दौरान राम जन्मभूमि आंदोलन और 90 के दशक की घटनाओं को याद करते हुए कहा था, “हम 1990 की घटना को नहीं भूले हैं और न कभी भूल पाएँगे। हमने किसी का अपमान नहीं किया, लेकिन हमारे धर्मग्रंथों का अपमान हुआ। हिंदुत्व का भी अपमान हुआ।” रामभद्राचार्य ने कहा था, “निहत्थे राम भक्तों पर गोलियाँ चलाई गई थी। सरयू मैया खून से लाल हो गई थीं। कोठारी बंधुओं को घर से लाकर गोली मारी गई। हमको ऐसी समरसता नहीं चाहिए। मेरे लिए कहा जा रहा कि मैं भाजपा का एजेंट हूँ’ लेकिन मैं भाजपा का एजेंट नहीं हूँ। भाजपा मेरी एजेंट हो सकती है।”
कौन हैं जगदगुरु स्वामी रामभद्राचार्य
जगदगुरु स्वामी रामभद्राचार्य का असली नाम गिरधर मिश्रा है। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में जन्मे स्वामी रामानन्द सम्प्रदाय के 4 जगदगुरु रामानन्दाचार्यों में से एक हैं। 1988 से वह इस पद पर हैं। बताया जाता है कि जब वह 2 महीने के थे, तभी उनकी आँखों की रोशनी चली गई थी। इसके बावजूद वह 22 भाषाओं के जानकार हैं और अब तक कुल 80 पुस्तकों व ग्रंथों की रचना कर चुके हैं।