कट्टर इस्लामी गिरोह के पत्रकारों में शामिल राना अय्यूब को विदेश जाने से रोक दिया गया है। उन पर कोविड फंड्स का दुरुपयोग करने के आरोप हैं। राना अय्यूब ने मंगलवार (29 मार्च 2022) को खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, “आज मुझे मुंबई में लंदन जाने से रोक दिया गया। जब मैं International Journalism Festival में भारतीय लोकतंत्र और पत्रकारों को डराने-धमकाने पर अपना भाषण देने के लिए लंदन के लिए अपनी फ्लाइट पकड़ने वाली थी। मैंने इसके बारे में कुछ हफ्ते पहले ही सार्वजनिक रूप से कहा था, फिर भी मुझे रोके जाने के बाद ईडी का समन मेरे इनबॉक्स में आ गया।”
उन्होंने लिखा, “मेरे सोशल मीडिया अकाउंट पर इस बारे में कई हफ्तों से ट्वीट किया जा रहा है। फिर भी, मुझे प्रवर्तन निदेशालय का समन उस वक्त मेल किया जाता है, जब मुझे मेरे देश में विदेश जाने से रोक दिया जाता है। आप किससे डरते हैं?”
मालूम हो कि लोगों की मदद के नाम पर धन की उगाही और उस पैसे की गड़बड़ी करने के मामले में प्रोपेगेंडा पत्रकार राना अय्यूब (Rana Ayyub) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत फरवरी 2022 में बड़ी कार्रवाई की थी। एजेंसी ने अय्यूब की 1.77 करोड़ रुपए की संपत्ति को कुर्क कर लिया था। ईडी ने कहा था कि राना अय्यूब ने एक साजिश के तहत आम जनता को धोखा दिया है।
प्रवर्तन निदेशालय के आदेश में कहा गया था कि राना अय्यूब के घोटाले की शुरुआत तभी से शुरू हो गई थी, जब उन्होंने पैसा इकट्ठा करने के बाद उसे अपने और अपने परिवार के सेविंग अकाउंट से निकालना शुरू कर दिया था। ईडी के मुताबिक, अयूब के 50 लाख रुपए के फिक्स्ड अमाउंट नेट बैंकिंग से बुक किए गए और एक अलग करेंट अकाउंट खोला गया। बाद में उसके बचत बैंक खाते और उसकी बहन और पिता के बैंक खाते से फंड का ट्रांसफर किया गया। लेकिन Ketto.org के जरिए जिस उद्देश्य के लिए धन की उगाही की गई थी, उसके लिए इसका इस्तेमाल नहीं हुआ।
राना अय्यूब के खिलाफ दर्ज किए गए केस
गौरतलब है कि प्रोपागैंडा पत्रकार राना अय्यूब के खिलाफ गाजियाबाद के इंदिरापुरम पुलिस स्टेशन में 7 सितंबर 2021 को आईपीसी की धारा 403, 406, 418, 420, आईटी अधिनियम की धारा 66 डी और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट-2002 की धारा 4 के तहत प्राथमिकी दर्ज किया गया था। इसमें राना अय्यूब पर ये आरोप लगाया गया था है कि उसने चैरिटी के नाम पर गलत तरीके से आम जनता से धन की वसूली की थी। हिंदू आईटी सेल के विकास शाकृत्यायन ने अगस्त 2021 में ये एफआईआर दर्ज करवाया था। प्राथमिकी में राना द्वारा चलाए गए तीन अभियानों का जिक्र किया गया है।