तथाकथित पत्रकार वामपंथन राणा अयूब ने 16 मार्च को कोरोना वायरस को लेकर एक असंवेदनशील ट्वीट करते हुए लिखा कि नैतिक रूप से भ्रष्ट होने के कारण भारत में हर कोई अंदर से इतना ‘मरा’ है, कि एक वायरस इन्हें (भारतीयों को) क्या मार सकता है? राणा को इस ट्वीट पर वामपंथी पत्रकार पल्लवी घोष के साथ ही उनके गैंग की बकलोल पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने भी लताड़ा था। स्वाति चतुर्वेदी ने तो राणा अयूब को नीच, मौकापरस्त और स्वघोषित पत्रकार तक कह दिया था।
मगर अब राणा अयूब को बरखा की जिहादन ‘हिरोइनों’ आयशा रेना और लदीदा का साथ मिला है। बता दें कि राणा अयूब का यह घटिया और नफरत भरा ट्वीट ऐसे समय में आया था, जब विदेशी नागरिक समेत 126 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे और 3 लोगों की मौत हो गई थी। अब कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 200 के ऊपर पहुँच गई है और ईरान में एक व्यक्ति की मौत सहित पाँच भारतीयों की मौत हो चुकी है।
बरखा दत्त की sheroes (Shero, हीरो की स्त्रीलिंग) आयशा रेना और लदीदा ने राणा अयूब के असंवेदनशील ट्वीट का स्वागत किया और इसका खुलेआम समर्थन भी किया है।
मंगलवार (मार्च 17, 2020) इस्लामी कट्टरपंथी जिहादन आयशा रेना ने राणा अयूब के साथ एकजुटता दिखाते हुए दावा किया कि राणा अयूब हाल के समय के उन कुछ पत्रकारों में से एक है, जिन्होंने सत्ता से मिल रही लगातार धमकियों के बावजूद अपनी शानदार खोजी पत्रकारिता जारी रखी। आयशा जब अपनी इस्लामी ‘पत्रकार’ के लिए खुल कर लिखती है तो भला लदीदा पीछे कैसे रहती! लदीदा ने भी इसके लिए ट्विटर का सहारा लिया। बातें वही लिखी, अपनी मानसिकता के अनुसार। लदीदा ने राणा अयूब के साथ एकजुटता दिखाते हुए कहा कि कोई भी धमकी पीछे नहीं हटा सकती।
हालाँकि इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि बरखा दत्त की जिहादन ‘हिरोइनों’ राणा अयूब के समर्थन में खड़ी हैं। क्योंकि हाल ही में यह जोड़ी खुद इसी तरह की निंदनीय और आपत्तिजनक बयान दे चुकी है। दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया में विरोध के दौरान इन दोनों ने ‘जिहाद’ का आह्वान किया था, जिसके बाद यह विरोध-प्रदर्शन हिंसक हो गया था।
लदीदा ने अपने एक पोस्ट में खुले तौर पर ’जिहाद’ का आह्वान किया था और कहा था कि लोगों को “हमारे जिहाद के बारे में सीखना चाहिए।” अप्रैल 2018 से उसकी एक अन्य पोस्ट में वह भारत को ‘मिडिल फिंगर’ दिखाते हुए देश का अपमान करती हुई नजर आई थी। इसी तरह, जामिया में एंटी-सीएए दंगों के चेहरे आयशा रेना ने मुंबई हमले में शामिल आतंकवादी याकूब मेनन को फाँसी देने के लिए भारत को ‘फासीवादी’ कहा था।