Sunday, November 17, 2024
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रामनवमी जुलूस से पहले राँची में पुलिस ने किया निरीक्षण, ड्रोन ने पकड़े छतों पर जमा किए गए पत्थर: मस्जिदों-मदरसों पर भी नजर

जिन छतों पर ईंट या पत्थर रखे मिले उनके मालिकों को नोटिस जारी करके फौरन उन्हें हटाने को कहा गया है। निर्माणाधीन मकानों के भी मालिकों से यह बॉन्ड भरवाया गया है कि उनकी निर्माण साग्रमी का उपयोग हिंसक गतिविधियों में प्रयोग नहीं किया जाएगा।

झारखंड की राजधानी रांची में रामनवमी से पहले प्रशासन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने में जुटा हुआ है। जुलूस में कोई व्यवधान न पड़े इसके लिए प्रशासन ने 1 दिन पहले ड्रोन कैमरे से तमाम छतों का निरीक्षण करवाया। जिन छतों पर ईंट या पत्थर रखे गए थे उनके मालिकों को नोटिस जारी करके फौरन उन्हें हटाने के लिए कहा गया है। इसी के साथ निर्माणाधीन मकानों के भी मालिकों से यह बॉन्ड भरवाया गया है कि उनकी निर्माण साग्रमी का उपयोग हिंसक गतिविधियों में प्रयोग नहीं किया जाएगा। सोमवार (15 अप्रैल 2024) को पुलिस ने दंगा नियंत्रण का अभ्यास भी किया है।

ड्रोन से हो रही निगरानी पर रांची कोतवाली के डिप्टी एसपी प्रकाश सोय ने मीडिया से बात की। उन्होंने बताया कि ड्रोन और अन्य स्तरों पर हो रही निगरानी की मुख्य वजह 2 दिनों तक चलने वाला रामनवमी का पर्व है। उन क्षेत्रों में विशेष निगरानी बताई गई जहाँ से शोभायात्रा का रूट तय हुआ अथवा संवेदनशील इलाके के तौर पर चिन्हित है। उन्होंने कहा कि किसी के द्वारा बदमाशी न होने पाए इसके लिए प्रशासन मुस्तैद है।

अपने बयान में डिप्टी एसपी ने यह बताया है कि ड्रोन की निगरानी में कुछ छतों पर ईंट-पत्थर पाए गए हैं जिनको तुरंत हटाने के आदेश दिए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन घरों की छतों पर ईंट-पत्थर पाए गए हैं उनकी संख्या 10 है। ये घर मेन रोड, लेक रोड और हिन्द पीढ़ी इलाके में हैं। जिन घरों में एक जगह जमा पत्थर पाए गए हैं उनकी जाँच पुलिस गहनता से कर रही है। सभी मकान मालिकों को नोटिस जारी कर के ईंट-पत्थरों को फ़ौरन हटाने के लिए कहा गया है। इन सभी से यह भी लिखित तौर पर लिया गया है कि किसी हिंसक गतिविधियों उनके पत्थर प्रयोग होने पर उन्हें जिम्मेदार माना जाएगा।

डिप्टी एसपी ने यह भी बताया कि आदेश की परिधि में वो मकान भी हैं जो निर्माणाधीन हैं। उनके निर्माण में प्रयोग हो रही सामग्री की भी लिस्ट तैयार की गई है। ऐसे मकान मालिकों को भी सख्त हिदायत दी गई है। निर्माणाधीन मकानों की छतों को भी रामनवमी तक साफ़ रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसी के साथ कुछ संवेदनशील बिल्डिंगों पर पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की जा सकती है। इसके अलावा पुलिस ने दंगा नियंत्रण का भी रिहर्सल किया है। इस रिहर्सल में पुलिस वालों ने ही दंगाइयों का रोल निभाया। रिहर्सल के दौरान पुलिस को नारेबाजी के साथ पत्थरबाजी कर रही भीड़ को काबू करने की ट्रेनिंग दी गई है।

रांची पुलिस ने एडवाइजरी जारी करते हुए सोशल मीडिया पर भी कोई भ्रामक खबर शेयर न करने की अपील की है। पुलिस ने एक नंबर भी जारी किया है जिसमें अफवाह उड़ाने या किसी भी प्रकार की आपराधिक सूचना को साझा करने के लिए कहा गया है। जुलूस में अस्त्र लहराना या किसी अन्य समुदाय को आहत करने वाला नारा अथवा गाना न बजाने के भी निर्देश हैं।

शहरी इलाकों के अलावा पुलिस ने रांची के ग्रामीण क्षेत्रों में भी कड़ी निगरानी की। इस दौरान पुलिस टीमें मस्जिदों और मदरसों की भी निगरानी में जुटी रहीं। सीनियर अधिकारियों ने किसी भी प्रकार की हिंसा होने पर थानेदारों को भी जिम्मेदार मानते हुए उन पर विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी है।

बताते चलें की रामनवमी के पर्व पर झारखंड के अलग-अलग जिलों में शोभायात्राओं पर हमले की घटनाएँ सामने आ चुकी हैं। अप्रैल 2022 में झारखंड के लोहरदगा और बोकारो में शोभायात्राओं पर हिंसक भीड़ ने हमला बोल दिया था। इस दौरान कई श्रद्धालु घायल हो गए थे। तब पत्थरबाजों ने एक मेले के अलावा राजधानी एक्सप्रेस पर भी हमला किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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