Friday, November 15, 2024
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बेल्ट से पीटते, सिगरेट से दागते, वीडियो बनाते… 10वीं-12वीं की लड़कियों को निशाना बनाता था मुजफ्फरपुर का गिरोह, पुलिस ने भी मानी FIR में देरी की बात

सभी आरोपित DVR नामक मार्केटिंग कंपनी से जुड़े हुए थे। अभी तक एक भी आरोपित पुलिस के शिकंजे में नहीं आया है। जून 2022 से ही ये फर्जीवाड़ा चालू था।

बिहार के मुजफ्फरपुर में लगभग 200 लड़कियों को नौकरी का झाँसा देकर उनके साथ बलात्कार की खबर आई है। युवतियों को कई महीनों तक बंधक बना कर रखा गया। 9 लोगों पर FIR दर्ज की गई है। लड़कियों से फ्रॉड कॉल कराए जाते थे। अगर वो टार्गेट पूरा नहीं करती थीं तो उन्हें सिगरेट से दागा जाता था, बेल्ट से पीटा जाता था। उन्हें और लड़कियों को जोड़ने के लिए कहा जाता था। एक लड़की किसी तरह वहाँ से निकल कर कोर्ट पहुँची, उसने बताया कि 10वीं-12वीं की लड़कियाँ इनका निशाना थीं।

ये लड़कियों को 50,000 रुपए प्रति माह तक के वेतन का लालच देते थे और उन्हें मुजफ्फरपुर बुलाते थे। लड़कियों को नशा देकर उनकी पिटाई की जाती थी। उनके परिजनों की हत्या की धमकी दी जाती थी। पुलिस की छापेमारी के बाद लड़कियों को इनकी नीयत का पता चला, लेकिन फिर कई लड़कियों को कहीं और शिफ्ट कर दिया गया। मुख्य आरोपित का नाम तिलक सिंह है। फेसबुक के जरिए पीड़िताओं से संपर्क किया जाता था। लड़कियों को उनकी सैलरी भी नहीं दी जाती थी।

उन्हें कहा जाता था कि अब वो इस फर्म का हिस्सा हैं। एक पीड़िता का कहना है कि पुलिस ने भी उसकी बात नहीं सुनी, जिस कारण उसे अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा। सभी आरोपित DVR नामक मार्केटिंग कंपनी से जुड़े हुए थे। अभी तक एक भी आरोपित पुलिस के शिकंजे में नहीं आया है। जून 2022 से ही ये फर्जीवाड़ा चालू था। लड़कियों को भी फोन कॉल कर के अन्य लड़कियों को आकर्षक नौकरी का झाँसा देने के काम पर लगाया गया था।

कुछ लड़कियों को तो जबरन शादी के लिए मजबूर किया गया। कई युवतियों को गर्भपात के लिए भी मजबूर किया गया। डिप्टी एसपी विनीता सिन्हा ने कहा कि पुलिस ने पहले मामला क्यों नहीं दर्ज किया, इसकी जाँच की जाएगी। पुलिस ने बताया है कि फेक कॉल सेंटर चलाया जा रहा था। एक पीड़िता ने बताया कि हरेराम नामक शख्स से फेसबुक के जरिए उसकी दोस्ती हुई। मैसेंजर पर चैट के दौरान नौकरी का प्रलोभन दिया गया। पीड़िता को कहा गया कि 20,500 रुपए और अपने दस्तावेज लेकर वो DVR कंपनी में आए।

पीड़िता ने अपनी मौसी से कर्ज लिया और हाजीपुर के रामाशीष चौक के पास स्थित दफ्तर में नौकरी जॉइन की। वहाँ उसे और लोगों को जोड़ने का तरीका सिखाया जाने लगा। इस पीड़िता ने 14 अन्य लड़कियों को कंपनी में शामिल करवाया। इस मामले में तिलक प्रताप, अजय प्रताप, हरेराम, नूर आलम और विजय गिरी का नाम सामने आया है। लड़कियों को अपने परिवार तक से इस संबंध में बात नहीं करने दिया जाता था। जब वो अन्य लड़कियों को नहीं जोड़ पाती थीं तो उन्हें पीटा जाता था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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