Sunday, November 17, 2024
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₹700 करोड़ से बने अस्पताल में 5000 चूहों का आतंकः मरीजों का ग्लूकोज तक पी जाते हैं, मारने के लिए ₹12 लाख होंगे खर्च

मरीजों का कहना है कि दिन हो या रात, वार्डों में चूहे सोने नहीं देते। कई मरीजों को तो इन चूहों ने काट भी लिया है। बस्तर के कलेक्टर चंदन कुमार का कहना है कि अस्पताल में चूहों की समस्या बढ़ी है और उसके समाधान पर काम किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ के एक अस्पताल में चूहों का आतंक इस कदर है कि वे मरीजों का ग्लूकोज तक पी जा रहे हैं। इतना नहीं, वे आए दिन अस्पताल के मशीनों के तार काटते रहते हैं और मरीजों को भी परेशान करते रहते हैं। इन चूहों को मारने के लिए अस्पताल प्रशासन ने टेंडर जारी किया है।

ये हाल है बस्तर में 700 करोड़ रुपए की लागत से बने जगदलपुर मेडिकल कॉलेज का। इस अस्पताल में लगभग 5,000 चूहों ने आतंक मचा रखा है। बीते दिनों उन्होंने सीटी स्कैन मशीन का तार काट दिया, जिससे दो दिनों तक जाँ प्रभावित रहा।

अस्पताल प्रशासन ने इन चूहों को मारने के लिए 10 से 12 लाख रुपए का बजट रखा है। इसका टेंडर एक निजी कंपनी को दी गई है। इस कंपनी ने 6 लोगों की एक टीम को चूहों को मारने के लिए लगाया है। यहाँ प्रतिदिन लगभग 50 चूहों को मारकर दफनाया जा रहा है।

पिछले एक महीने में लगभग 1500 चूहों को मारकर दफनाया जा चुका है। हालाँकि, इसके बावजूद भी चूहों का आतंक कम नहीं हुआ है। कुछ दिन पहले एक चूहे द्वारा एक मरीज को चढ़ाया जा रहा ग्लूकोज पीने का वीडियो सामने आया था। इसे एक मरीज ने बनाया था।

वीडियो में एक बिस्तर पर लेटे एक मरीज को ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा है, तभी ग्लूकोज बोतल के स्टैंड से एक चूहा नीचे उतरता है और मरीज के नस में लगी पाइप को दाँतों से कुतर देता है। इसके बाद एक और चूहा नीचे उतरकर उस पाइप से बहने वाले ग्लूकोज को पीने लगता है।

मरीजों का कहना है कि दिन हो या रात, वार्डों में चूहे सोने नहीं देते। कई मरीजों को तो इन चूहों ने काट भी लिया है। बस्तर के कलेक्टर चंदन कुमार का कहना है कि अस्पताल में चूहों की समस्या बढ़ी है और उसके समाधान पर काम किया जा रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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