भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने कुछ व्यवसायिक (कमर्शियल) बैंकों के बंद होने की खबर को गलत बताया है। अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर देश के बैंकिंग नियामक और सबसे बड़े बैंक ने साफ किया कि इस बाबत “मीडिया के कुछ हिस्सों में प्रकाशित हो रहीं” खबरों में कोई दम नहीं है। दरअसल RBI के पंजाब और महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (PMC Bank) को 6 महीने के लिए अपने दिशानिर्देशों के सीधे नीचे लाने के बाद बाजार में घबराहट शुरू हो गई थी कि कहीं RBI इसे या अन्य किन्हीं कमर्शियल बैंकों पर तालाबंदी की तो तैयारी नहीं कर रही।
Reports appearing in some sections of social media about RBI closing down certain commercial banks are false.
— ReserveBankOfIndia (@RBI) September 25, 2019
₹1,000 प्रति खाते से अधिक निकासी पर थी रोक, 23 सितंबर से लागू हुआ था कदम
जब RBI ने PMC को अपने सीधे अधीन किया तो बैंक और उसमें पैसा जमा करने वाले ग्राहकों पर कुछ छोटे प्रतिबंध लग गए। जैसे बैंक के हर खाते से अधिकतम ₹1,000 की ही निकासी हो सकती थी। इसके अलावा न ही बैंक में लोगों का और पैसा जमा हो सकता था, न ही बैंक कोई नए कर्ज दे सकता है। यह सभी निर्देश PMC बैंक पर 23 सितंबर को बैंकिंग के घंटे बीतने के बाद से लागू हो गए।
यह कदम RBI तब उठाता है जब वह किसी बैंक के कामकाज के तरीके से नाखुश होता है। PMC के मामले में पिछले तीन साल से लगातार उसकी सुपरवाइजरी रिपोर्ट नकारात्मक थी। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि Housing Development and Infrastructure Limited (HDIL) नामक एक रियल एस्टेट कंपनी को दिया गया ₹2,500 करोड़ का कर्ज PMC के पराभव का मुख्य कारण है। लेकिन बैंक के प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस ने रिपोर्ट को नकारते हुए ₹2,500 करोड़ की धनराशि को गलत बताया है। यही नहीं, उन्होंने दावा किया कि बैंक के पास जमाकर्ताओं की देनदारी चुकाने के लिए पर्याप्त नकदी है।
CNBC-TV18 से बात करते हुए उन्होंने RBI के कदम को “ज़रूरत से ज़्यादा कठोर” बताया। “RBI केवल कर्ज देने पर रोक भी लगा सकता था।”