Sunday, November 17, 2024
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वीडियो: जब दंगाई को किसी ने लाल किला पर तिरंगा लगाने दिया, और उसने फेंक दिया!

यह वीडियो ऐसे समय में वायरल हो रहा है, जब लिबरल जमात और तमाम निष्पक्ष पत्रकार मिलकर गणतंत्र दिवस पर किसानों द्वारा किए गए इस उपद्रव को 'क्लीन चिट' देने का प्रयास कर रहे हैं।

केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों का विरोध प्रदर्शन आज ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसक हो उठा। दिल्ली की सीमा से घुसे किसानों की भीड़ इतनी उन्मादी हो पड़ी कि लाल किला परिसर में भी दाखिल हो गए और वहाँ निशान साहब का झंडा फहरा दिया गया।

इस सब उपद्रव के बीच एक चर्चा जोरों पर रही कि ‘क्या किसानों ने तिरंगा झंडा हटाया’? यह सवाल अभी तक भी बहस का विषय बना हुआ है। कथित किसान विरोध प्रदर्शन के दौरान सिख झंडों के बीच खालिस्तानी उकसावे की बहस का भी जमकर बोलबाला रहा। मंगलवार (जनवरी 26, 2021) दोपहर लाल किले पर पहुँचे किसानों को एक गुंबद के शीर्ष पर एक झंडा लगाते हुए देखा गया। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने उस जगह पर अपना झंडा लगा दिया, जहाँ पर प्रधानमंत्री हर वर्ष स्वतन्त्रता दिवस के मौके पर तिरंगा फहराते आए हैं।

एक वीडियो, जो सोशल मीडिया पर बड़े स्तर पर वायरल हो रहा है, में देखा जा सकता है कि उपद्रवियों की भीड़ में से लाल किले पर एक आदमी सिखों का झंडा चढ़ाने खम्बे पर चढ़ रहा है। भीड़ में से जब एक आदमी ने उसकी ओर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा बढ़ाया तो उसने बेहद अपमानजनक तरीके से तिरंगे को दूर फेंक दिया।

‘बेफिटिंग फैक्ट्स’ नाम के ट्विटर यूजर ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि जो लोग आज के उपद्रव को ऐतिहासिक पल बता रहे हैं, उन्हें यह देखना चाहिए कि उन्होंने हमारे राष्ट्रीय ध्वज को किस तरह से फेंक दिया।

यह वीडियो ऐसे समय में वायरल हो रहा है, जब लिबरल जमात और तमाम निष्पक्ष पत्रकार मिलकर गणतंत्र दिवस पर किसानों द्वारा किए गए इस उपद्रव को ‘क्लीन चिट’ देने का प्रयास कर रहे हैं। इनमें से कई पत्रकार ऐसे हैं जो यही ट्वीट करते देखे जा रहे हैं कि लाल किले पर तिरंगा को नहीं हटाया गया और उसका अपमान नहीं किया गया।

गणतंत्र दिवस की सुबह से ही किसानों का प्रदर्शन उग्र होता गया। इस बीच, दिल्ली के DDU मार्ग पर एक व्यक्ति की ट्रैक्टर पलटने के कारण मौत हो गई। आईटीओ के पास पूरे चौक पर सैकड़ों की संख्या में किसान ट्रैक्टर लेकर खड़े रहे। जिसे लेकर समाचार चैनल ‘इंडिया टुडे’ के पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने एक और फेक न्यूज़ फैला दी और पोल खुलने पर अपना ट्वीट चुपके से डिलीट भी कर दिया।

गणतंत्र दिवस पर दिल्ली पुलिस की ओर से किसानों को कुछ जगहों पर ट्रैक्टर रैली निकालने की इजाजत दी गई थी। लेकिन मंगलवार सुबह से ही दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर हजारों की संख्या में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली में धावा बोल दिया।

प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स को तोड़ा और आईटीओ, लाल किले पर उत्पात मचाया। दिल्ली के आईटीओ पर किसानों और पुलिस के बीच जमकर संघर्ष भी हुआ है। किसानों ने दिल्ली में घुसने के लिए कुछ बैरिकेड्स तोड़ दिए थे। दिल्ली के बीचों बीच आईटीओ पर भी किसान और पुलिस के बीच झड़प देखने को मिली। प्रदर्शनकारी हाथ में डंडे लेकर पुलिसकर्मियों को दौड़ाते और अपने ट्रैक्टरों को वहाँ खड़ी बसों को टक्कर मारते दिखे। कुछ प्रदर्शनकारियों ने तो पुलिस को रौंदने के इरादे से भी तेज रफ्तार में ट्रैक्टर दौड़ाए।

एक पुलिसकर्मी के साथ कुछ किसान प्रदर्शनकारियों द्वारा दिल्ली स्थित आईटीओ में मारपीट और हाथापाई का वीडियो सामने आया है। हाथ में डंडे लिए इन प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिसकर्मी को सड़क पर घेर लिया गया और उनके साथ हाथापाई की गई। तभी उन्हीं प्रदर्शनकारियों में से कुछ लोगों ने आकर बीच-बचाव कर पुलिसकर्मी को सुरक्षित खींच निकाला।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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