गुजरात के भरूच (Bharuch, Gujarat) जिले के काँकरिया गाँव में 37 हिंदू परिवारों और 100 हिंदू आदिवासियों के सामूहिक धर्मांतरण के मामले में चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। गुजरात पुलिस ने गुरुवार (28 अप्रैल 2022) को भरूच के आमोद तालुका के रहने वाले अब्दुल समद दाऊद पटेल (बेकरीवाला), शब्बीर मोहम्मद पटेल (बेकरीवाला), हसन इब्राहिम पटेल (टिसली) और इस्माइल याकूब पटेल (डेलावाला) को गिरफ्तार किया। इस मामले में अब तक कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
भरूच की पुलिस अधीक्षक लीना पाटिल ने बताया, “हमने चार अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हम उनके बयान लेंगे और सबूत जुटाएँगे। इससे पहले इस मामले में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।” इस मामले में पुलिस गुजरात ने फ्रीडम फॉर रीलिजन ऐक्ट की धारा 4 और धारा 120 (बी), 153 (बी) (सी), और 506 (2) के तहत मामला दर्ज किया है।
इससे पहले लालच और जबरन धर्मांतरण कराकर इस्लाम कबूल करवाने के मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने 4 अप्रैल 2022 को वरयावा अब्दुल वहाब महमूद नाम के एक इस्लामी मौलवी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। महमूद को उसके धर्मांतरण के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए 5 अन्य आरोपितों शब्बीरभाई, समदभाई, अब्दुल अजीज, यूसुफ और अय्यूब ने मदद की थी। आरोपित महमूद ने गुजरात के भरूच शहर के आमोद पुलिस स्टेशन में पिछले साल 15 नवंबर 2021 में दर्ज एफआईआर के मामले में एंटीसिपेटरी बेल माँगी थी।
बता दें कि 15 नवंबर को भरूच जिले के आमोद तालुका के काकरिया गाँव के अब्दुल अजीज पटेल, युसूफ जीवन पटेल, अयूब बरकत पटेल और इब्राहिम पुनाभाई पटेल समेत अन्य लोगों ने 37 आदिवासी परिवारों के 100 लोगों को बहला-फुसलाकर जबरन धर्म परिवर्तन कराया। उन्हें हिंदू धर्म में वापस आने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी थी। परिवर्तित हिंदू आदिवासियों को इस्लाम कबूल करवाने के बाद उन्हें समुदाय के दूसरों लोगों को भी इस्लाम में परिवर्तित करने का कार्य सौंपा गया था।
क्या है भरुच धर्मान्तरण केस
गौरतलब है कि नवंबर 2021 में ही ऑपइंडिया ने बताया था कि भरुच जिले की आमोद तहसील के अंतर्गत आने वाले कांकरिया गाँव के रहने वाले प्रवीण वसावा की शिकायत कर फेफड़ावाला हाजी अब्दुल्ला, सलाहुद्दीन शेख समेत कई और लोगों के खिलाफ वसावा समुदाय के लोगों के सामूहिक धर्मान्तरण कराने का आरोप लगाया था। प्रवीण के मुताबिक, अनुसूचित जनजाति से आने वाले लोगों को नौकरी, घर, शादी के लिए भावी दुल्हन और पैसे की लालच देकर सैकड़ों लोगों का इस्लामिक धर्मान्तरण कराया गया था। इसके साथ ही प्रवीण ने इस बात का भी खुलासा किया था कि किस तरह से धर्मान्तरण के रैकेट को चलाने के लिए विदेशी फंडिंग होती थी।