मध्य प्रदेश कैडर के रिटायर्ड IPS अधिकारी मैथलीशरण गुप्त को आईपीएस एसोसिशएशन ने व्हाट्सएप ग्रुप से रिमूव कर दिया है। ऐसा उनके द्वारा भारत-पाकिस्तान बँटवारे को ले कर एक पोस्ट करने पर किया गया है। यह मामला 7 जनवरी (शुक्रवार) का है। रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें जब पोस्ट डिलीट करने को कहा गया तो उन्होंने इसे ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित बताते हुए हटाने से मना कर दिया। ऑपइंडिया ने IPS मैथलीशरण से सम्पर्क किया और उनसे इस मामले की विस्तार से जानकारी ली।
व्हाट्सएप ग्रुपों में रहना या निकलना किसी और के लिए बड़ी बात होगी, मेरे लिए नहीं
ऑपइंडिया ने IPS मैथलीशरण से इस मामले में बातचीत की। उन्होंने बताया, “मैं सत्य बोलने से नहीं हिचकिचाता। मुझे किसी ग्रुप में रहने की कोई शौक नहीं है। मुझे हटाने या जोड़ने वालों को मेरा संदेश है कि मेरे लिए इन बातों का कोई महत्व नहीं है। मैं अपने समय को इन छोटी बातों में गँवाना नहीं चाहता। हो सकता है कि कुछ लोगों के लिए व्हाट्सएप ग्रुपों में जुड़ना या निकलना बड़ी बात होगी। मैंने उस पोस्ट को आज ही शेयर किया था। उसके बाद मैंने उसका फॉलोअप नहीं लिया। मेरे रिमूव होने के बाद किस ने क्या बोला इस तरफ मैंने ध्यान ही नहीं दिया। वो पोस्ट मेरी नहीं बल्कि प्रखर श्रीवास्तव की रिपोर्ट थी जिसको मेरा बताया जा रहा है।”
ऑपइंडिया से आगे बातचीत में 1984 बैच के रिटायर्ड IPS अधिकारी गुप्त ने बताया, “इस देश की समस्याओं पर चिंतन करना कब से गलत हो गया। क्या हम इतिहास में हुई गलतियों पर मंथन भी नहीं कर सकते? जब देश में आपराधिक छवि के कानून निर्माताओं को संसद भेजा जा सकता है तो सरकारी अधिकारी पर इतने नियम कानून क्यों? मैं पुलिस रिफॉर्म विभाग को देख चुका हूँ। मैं जो कुछ भी कहता हूँ वो जमीनी हकीकत होती है। मैं कश्मीर में लगभग 2 वर्ष तक CRPF का IG ऑपरेशन पद सँभाल चुका हूँ। कई आतंकवाद विरोधी अभियानों का हिस्सा रह चुका हूँ। मैंने देश की समस्याओं को हर हिस्से से समझने और जानने का प्रयास किया है।”
वो पोस्ट जिसके बाद IPS मैथलीशरण को ग्रुप से रिमूव किया गया
“मुस्लिम लीग उन स्थानों से जीती थी जो आज हिंदुस्तान का हिस्सा है और यह सब लोग (मुस्लिम) पाकिस्तान जाने की बजाय यहीं रह गए यदि इन्हें हिन्दुस्तान प्रिय था तो पाकिस्तान बनाने में क्यों वोट डाले। हमारे दुष्ट काले अंग्रेजों ने उन्हें यहीं रह जाने दिया और उन्हें हमारे सिर पर बिठाया। उन्हें कानून में हमसे ज्यादा अधिकार दिए, यही राजनैतिक दुष्टता हमारी समस्याओं की जड़ है। उन्हें शिक्षा मंत्री बनाया। उन्होंने तुम्हारा इतिहास ही बदल दिया, हम कितने नादान है समझो व जागो।”
“…काले अंग्रेजों की सोच बदलकर उन्हें जनहित के निर्णयों के लिए विवश करें। संविधान एवं नियम कानूनों को जनतांत्रिक भावनाओं के अनुरूप बनाएँ, ब्यूरोक्रेसी को संवेदनशील उत्तरदायी, व सही अर्थों में जनसेवक बनाया जाए। इसी तरह की कुछ बातों के साथ उन्होंने ग्रुप में एक वीडियो लिंक भी शेयर किया था
फरवरी 2020 के दौरान कमलनाथ सरकार में भी IPS गुप्त की सोशल मीडिया पर लिखी पोस्ट वायरल हुई थी। तब उन्होंने लिखा था, “मैं इतनी क्षमता रखता हूँ कि इस व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव ला सकता हूँ। मैं अपने आप को पीड़ित नहीं दिखाना चाहता, सरकार को स्वीकार करना चाहिए कि मैं राज्य में पुलिसिंग का नेतृत्व करने की क्षमता रखता हूँ।” यह पोस्ट DGP पद के लिए चल रहे अधिकारियों के खींचतान के संदर्भ में लिखी गई थी।