राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार (28 नवंबर 2021) को ग्वालियर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हिंदू और भारत के बीच के संबंधों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हिंदू के बिना भारत नहीं और भारत के बिना हिंदू नहीं। जहाँ हिंदू भाव कम हुआ वो हिस्सा भारत से अलग हो गया। इसीलिए पाकिस्तान बना। आज के भारत में भी जहाँ-जहाँ गड़बड़ हैं। मोहन भागवत ने कार्यक्रम में आगे कहा, ”इतिहास देखो, हिंदू भाव को जब-जब भूले आई विपदा महान, भाई छूटे धरती खोई मिटे धर्म संस्थान।”
हिंदू है तो भारत है। हिंदुओं का बहुसंख्यक होना देश में Secularism की गारंटी है। https://t.co/fNDtNTJZE8
— Aman Chopra (@AmanChopra_) November 28, 2021
सरसंघचालक ने कहा, ”भारत टूटा, पाकिस्तान हुआ। क्यों हुआ? इसलिए कि हम हिंदू भाव को भूल गए। वहाँ के मुसलमान भी भूल गए। अपने आपको हिंदू मानने वालों की संख्या कम हो गई, ताकत कम हो गई है। पहले ताकत कम हुई, फिर संख्या कम हुई। इसलिए वो पाकिस्तान भारत नहीं रहा हिंदुस्तान नहीं बना, क्योंकि उनको पता था कि हिंदुस्तान कहेंगे तो भारत आएगा और भारत कहेंगे तो हिंदुस्तान आएगा। हम पाकिस्तान ठीक हैं।”
इसके साथ ही मोहन भागवत ने यह भी कहा, “हिंदू हिंदू नहीं रहा तो भारत भारत नहीं रहा। किसी को भी देख लो जो अखंड भारत में रहा है और आज नहीं है। अपने देश में भी देख लो कहाँ-कहाँ गड़बड़ है, कहाँ-कहाँ अस्थिरता है। कहाँ-कहाँ देश की अखंडता और एकता को खतरा है। कहाँ-कहाँ पर सामाजिक और आर्थिक समस्याएँ तगड़ी हैं। आप देखेंगे कि हिंदुओं की संख्या कम हो गई, उनकी शक्ति कम हो गई या हिंदुत्व का भाव कम हो गया। हिंदू और भारत अलग नहीं हो सकते हैं। भारत को भारत रहना है तो हिन्दू रहना पड़ेगा और हिंदू को हिंदू रहना है तो भारत को एकात्म और अखंड बनना ही पड़ेगा।”
उन्होंने कहा, “भारत नहीं रहा तो हम नहीं रहेंगे। हमारा अस्तित्व दो के कारण है। नाम के हम हिंदू रहे तो इसका क्या फायदा? भारत अपने स्व के साथ खड़ा हुआ, वो मूल है हिंदुत्व का। इसलिए हिंदुस्तान हिंदू राष्ट्र है।” इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ-साथ संघ के कई बड़े नेता और प्रदेश के कई नेता भी मौजूद रहे।
बता दें कि इससे पहले RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत ने 25 नवंबर को नोएडा में कृष्णानंद सागर लिखित पुस्तक ‘विभाजनकालीन भारत के साक्षी’ के लोकार्पण समारोह के दौरान कहा था कि भारत के विभाजन की पीड़ा का समाधान बँटवारे को निरस्त करना ही है। उन्होंने कहा था कि यह 2021 का भारत है, 1947 का नहीं। एक बार विभाजन हो चुका है, अब दोबारा ऐसा नहीं होगा।