महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार (मार्च 10, 2021) को कहा कि विवादास्पद पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को क्राइम ब्रांच से हटाकर किसी अन्य विभाग में तैनात किया गया है। विधानसभा में बोलते हुए, देशमुख ने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया ताकि मनसुख हिरेन की मौत के मामले की निष्पक्ष जाँच की जा सके। भारत के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित बहुमंजिला घर एंटीलिया के बाहर खड़ी मिली संदिग्ध कार के मालिक मनसुख हिरेन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मुद्दा अब महाराष्ट्र विधानसभा में भी गूँज रहा है। वहीं उद्धव ठाकरे सरकार द्वारा गुपचुप तरीके से क्राइम ब्रांच से किसी अज्ञात विभाग में सचिन वाजे का तबादला भी सवालों के दायरे में है।
Sachin Vaze will be removed from the Crime Branch and posted in some other department. It is being done so that an impartial investigation can be conducted in this case (Mansukh Hiren death case): Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh in the Legislative Council
— ANI (@ANI) March 10, 2021
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देवेंद्र फडणवीस ने एंटीलिया बम मामले में सचिन वाजे की भागीदारी पर घेरा
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के महाराष्ट्र विधानसभा में मनसुख हिरेन की पत्नी विमला हिरेन द्वारा दिए गए एक बयान के बारे में आवाज उठाने के कुछ दिनों बाद सचिन वाजे को एक अलग विभाग में स्थानांतरित करने का कदम उठाया गया। बयान में, उन्हें शक था कि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के अधिकारी और ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ सचिन वाजे ने उनके पति की हत्या कर दी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सचिन वाजे ने स्कॉर्पियो कार का इस्तेमाल नवंबर 2020 से 5 फरवरी तक कई महीनों तक किया। विमला हिरेन ने अपने बयान में उल्लेख किया कि उन्हें संदेह है कि सचिन वाजे उनके पति की हत्या में शामिल थे। बकौल विमला हिरेन, वाजे ने उनके पति से इस मामले में गिरफ्तार हो जाने को कहा था और जमानत दिलाने का आश्वासन भी दिया था।
इससे पहले, फडणवीस ने एंटीलिया बम कांड मामले में मुंबई पुलिस के अधिकारी की भागीदारी के बारे में चौंकाने वाले खुलासे किए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि एंटीलिया के बाहर मिलने वाले स्कॉर्पियो का मालिक सचिन वाजे नाम से रजिस्टर्ड मोबाइल फोन नंबर के संपर्क में था। बता दें कि इसी स्कॉर्पियो से धमकी भरा पत्र मिला था।
कार मालिक मनसुख हिरेन थे, जिन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी कार मुलुंड-ऐरोली लिंक रोड से चुराई गई थी। हिरेन ने लापता कार के बारे में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी। हिरेन को पिछले हफ्ते मुंबई के एक नाले में मृत पाया गया था।
फडणवीस ने कहा था, “जिस व्यक्ति ने अंबानी के घर के बाहर कार की गुमशुदगी दर्ज की थी, उसने एक नंबर पर कुछ कॉल किए थे और उस नंबर से फोन कॉल आए थे। जब जाँच की गई तो पता चला कि यह नंबर मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के पास दर्ज है। दोनों के बीच पहली बातचीत 8 जून को हुई थी। रिकॉर्ड्स दिखाते हैं कि 24 जुलाई को एक और कॉल किया गया था। इसी तरह, कई कॉल पिछले कई महीनों में दोनों के बीच हुई हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “सचिन वाजे पहले पुलिस अधिकारी थे और फिर उन्हें जाँच अधिकारी (IO) के रूप में नियुक्त किया गया। तीन दिन पहले, उन्हें IO के रूप में हटा दिया गया था और मैं यह समझने में विफल रहा कि उन्हें क्यों हटाया गया था।” फडणवीस ने पूछा कि स्थानीय पुलिस से पहले वाजे मौके पर कैसे पहुँच गए।
इन सबके अलावा ये भी पता चला था कि मनसुख हिरेन ने मौत से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था। उन्होंने इस पत्र में कहा था कि पीड़ित होने के बावजूद उनके साथ आरोपित की तरह व्यवहार किया जा रहा है। इसमें उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ एक पत्रकार का नाम भी लिया था। उन्होंने कहा था कि उनसे हिरासत में भी पूछताछ की गई, जिससे उनकी मानसिक प्रताड़ना हो रही है।