अयोध्या की तपस्वी छावनी के संत जगद्गुरु परमहंसाचार्य (Jagadguru Paramhansacharya) को ताजमहल (Taj Mahal) में जाने से रोके जाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि जगद्गुरु मंगलवार (26 अप्रैल 2022) को शिष्यों के साथ ताजमहल गए थे। उन्होंने प्रवेश के लिए टिकट भी लिया था। उनका कहना है कि सुरक्षाकर्मियों ने भगवा वस्त्र और ब्रह्मदंड के कारण उन्हें प्रवेश देने से इनकार कर दिया।
जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने बताया है कि शाम के करीब 5:35 बजे थे। वे अपने तीन शिष्यों के साथ ताजमहल गए थे। उन्होंने टिकट भी लिया था। लेकिन सुरक्षा में तैनात जवानों ने उनके भगवा कपड़े पर आपत्ति जाहिर की। जब उनका एक शिष्य इस घटना का वीडियो बनाने लगा तो सीआईएसएफ के जवानों ने मोबाइल छीन सारे फोटो डिलीट करवा दिए। कथित तौर पर उनके टिकट भी सुरक्षाकर्मियों ने ले लिए।
हिंदू संत के मुताबिक, वो अयोध्या से अलीगढ़ एक भक्त के परिवार में बीमार हुई एक महिला को आशीर्वाद देने के लिए आए थे। उसके बाद वे ताजमहल देखने के लिए आगरा पहुँचे। उन्होंने कहा, “यहाँ भगवान शिव की पिंडी दबी हुई है। उसके दर्शन करने आए थे। लेकिन कहा गया कि भगवा पहनकर और ब्रह्मदंड लेकर अंदर नहीं जा सकते।”
परमहंसाचार्य के एक शिष्य के मुताबिक, मथुरा, अयोध्या और काशी में तो मोबाइल भी नहीं ले जा सकते हैं, लेकिन कभी किसी ने ब्रह्मदंड को नहीं रोका। रिपोर्ट के मुताबिक, जब सीआईएसएफ के जवानों ने जगद्गुरु को रोका तो वहाँ मौजूद एक दक्षिण भारतीय ने उनका मजाक उड़ाया और कहा कि दाढ़ी तो रखे ही हैं, बस टोपी लगा लो तो काम हो जाता। जगद्गुरु के एक शिष्य ने कहा कि गेट पर उन्हें बताया गया कि यहाँ योगी आदित्यनाथ को भी रोका गया था।