अयोध्या में OBC समाज की नाबालिग लड़की से गैंगरेप करने वाले समाजवादी पार्टी के नेता एवं स्थानीय सांसद अवधेश प्रसाद के करीबी मोईद खान बेहद कम समय में करोड़ों का मालिक बन बैठा है। मोईद खान सिर्फ दूसरी कक्षा तक पढ़ा-लिखा है और वह मदरसे में। इसके बावजूद उसने पिछले 15 सालों में 50 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति बना ली है। वह 2012 के भदरसा दंगे का भी आरोपित रहा है।
रेप की घटना सामने आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित से मुलाकात की थी। उसके बाद उन्होंने स्थानीय एसएचओ रतनलाल शर्मा और अखिलेश गुप्ता को निलंबित करने का आदेश जारी करने के साथ ही मोईद खान की संपत्तियों की जाँच का भी आदेश दिया था। इसके बाद राजस्व विभाग की टीम सक्रिय हो गई और जाँच शुरू कर दी। हालाँकि, अखिलेश यादव मोईन के पक्ष में खुलकर खड़े हो गए हैं।
ADM प्रशासन अनिरुद्ध प्रताप सिंह ने बताया कि अभी मोईद खान की एक करोड़ रुपए की जमीन चिह्नित हुई है। उसकी बेकरी सरकारी तालाब की जमीन पर 3000 स्क्वायर फीट में बनी थी। इसको प्रशासन ने तोड़ दिया है। इस बीच पिछले 48 घंटे में अयोध्या और आसपास के कई लोग शिकायत लेकर आए हैं कि उनकी जमीन पर मोईद खान ने जबरन कब्जा किया है। इन सबकी जाँच चल रही है।
भदरसा के मुख्य बाजार में भी मोईद खान की एक बिल्डिंग है। वहाँ भी प्रशासन पहुँचा था, लेकिन उसे अभी तोड़ा नहीं गया है, क्योंकि उसमें पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की एक ब्रांच संचालित हो रही है। जिला प्रशासन ने PNB बैंक को इस मकान को खाली करने का नोटिस दिया है। माना जा रहा है कि बैंक द्वारा मकान खाली करने के बाद इसे भी तोड़ दिया जाएगा।
दैनिक भास्कर की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक, जाँच के दौरान यह बात भी सामने आई है कि समाजवादी पार्टी का नेता मोईद खान साल 2012 में हुए भदरसा दंगे का आरोपित रह चुका है। मोईद खान साल 2012 से ही समाजवादी पार्टी का नगर अध्यक्ष है। सपा से पहले वह कॉन्ग्रेस के लिए चुनाव का काम-काज देखता था। साल 2012 से उसका राजनीतिक और आर्थिक रसूख बढ़ता गया है।
इतना ही नहीं, मोईद खान का दोस्त और भदरसा नगर पंचायत अध्यक्ष राशिद खान भी भदरसा दंगे का आरोपित रहा है। राशिद खान समाजवादी पार्टी का नेता है। उसकी अखिलेश यादव और अवधेश प्रसाद के साथ तस्वीरें वायरल हो रही हैं। अयोध्या गैंगरेप का खुलासा होने के बाद राशिद खान ने मोईद को बचाने के लिए पीड़ित परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी थी। इस मामले में FIR दर्ज हो चुकी है।
पुलिस को दी गई शिकायत में कहा गया है कि मोहम्मद राशिद खान ने पीड़िता के घर घुसकर उस पर सुलह करने का दबाव डाला था। उसने धमकी देते हुए कहा था, “सुलह नहीं करोगी तो जान से जाओगी।” इसको लेकर शिकायतकर्ता ने पुलिस ने कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है।
भदरसा दंगा जब हुआ था, उस समय नगर पंचायत का अध्यक्ष मोहम्मद अहमद था। मोहम्मद अहमद वर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष मोहम्मद राशिद का अब्बू था। अहमद दंगा भड़काने का मुख्य आरोपित था। उस पर मिट्टी का तेल बँटवाकर दंगे को भड़काने का आरोप लगा था। उस समय प्रदेश में सपा की सरकार थी। लोगों का कहना है कि सपा नेता होने का फायदा मोईद खान को मिला और वह बच गया।
मोईद खान के मोहल्ले वालों का कहना है कि वह ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है। वह मदरसे में दो साल ही गया था। इसके बाद पढ़ाई छोड़कर व्यवसाय करने में लग गया। उसने कई व्यवसाय किए, लेकिन कुछ चला नहीं। इसके बाद उसने जमीनों का काम करने लगा। इस काम में उसने जमकर पैसा बनाया। उस दौरान वह 18 साल था और कॉन्ग्रेस के दफ्तर में बैठने लगा था। 2012 में वह सपा में शामिल हो गया।
जिस बेकरी को प्रशासन ने तोड़ा है, उसे मोईद खान ने 6 साल पहले शुरू की थी। वहीं, एक और बेकरी की दुकान को सील कर दिया गया है। मोईन बेकरी वाली को भी कब्जा किया था। मोईद खान कब्रिस्तान, चकबंदी की सरकारी जमीनें और लोगों की जमीनों पर कब्जा कर उन्हें बेच देता था। पिछले कुछ दिनों में कई लोगों ने पुलिस प्रशासन में मोईन द्वारा उनकी जमीनों पर कब्जे की शिकायत की है।
मोईन खान के 4 बेटे हैं। उसके सबसे बड़े बेटे का नाम जहीर, फिर नदीम, नफीस और सबसे छोटे बेटे का नाम जावेद है। उसकी 2 बेटियाँ भी हैं। उसके 3 बेटे उसके साथ मिलकर बेकरी का काम संभालते हैं बड़ा जहीर बेटा दुकान चलाता है और 2 बेटे- नदीम एवं नफीस बेकरी को बेचने के लिए सेल्समैन का काम करते हैं। वहीं, छोटा बेटा जावेद अभी पढ़ाई कर रहा है।