Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजसम्मेद शिखर के लिए आमरण अनशन, 4 दिन में दूसरे जैन मुनि ने त्यागे...

सम्मेद शिखर के लिए आमरण अनशन, 4 दिन में दूसरे जैन मुनि ने त्यागे प्राण: संत बोले- झारखंड सरकार फैसला दे, वरना ऐसे ही देंगे बलिदान

संतों का कहना है कि जब तक झारखंड सरकार सम्मेद शिखर को तीर्थ स्थल घोषित नहीं करेगी तब तक मुनि बलिदान देते रहेंगे। मुनि समर्थ सागर से पहले जैन मुनि सुज्ञेयसागर महाराज ने 3 जनवरी को अपने प्राण त्यागे थे।

जैन तीर्थस्थान सम्मेद शिखरजी के लिए एक और जैन मुनि ने कल (5 जनवरी 2023) जयपुर के जैन मंदिर में अपने प्राण त्याग दिए। चार दिन में दूसरे संत ने अनशन पर बैठे रहने के दौरान देह त्यागी है। इससे पहले 3 जनवरी को एक जैन मुनि ने 9 दिन प्रदर्शन के दौरान अंतिम साँस ली थी।

जानकारी के मुताबिक, जयपुर के सांगानेर स्थित संघीजी दिगम्बर जैन मंदिर में मुनि समर्थ सागर करीब तीन दिन से आमरण अनशन कर रहे थे। गुरुवार देर रात 1 बजकर 20 मिनट के आसपास उनका निधन हुआ।

शुक्रवार (6 जनवरी 2023) सुबह लोगों को जैसे ही इस बारे में पता चला वह मंदिर आने लगे। इसके बाद संत मुनि सागर की डोल यात्रा संघीजी मंगिर से विद्यानगर तक निकाली गई और फिर जैन रीति-रिवाजों के साथ उनको समाधि दे दी गई।

मुनि सागर के देहांत की खबर सुनने के बाद जैन संत ये कहते नजर आए कि जब तक झारखंड सरकार सम्मेद शिखर को तीर्थ स्थल नहीं घोषित करेगी तब तक मुनि ऐसे ही बलिदान देते रहेंगे। मुनि समर्थ सागर का बलिदान भी हमेशा याद रखा जाएगा। उन्हें उनके गुरु आचार्य सुनील सागर महाराज के सानिध्य में समाधि दी गई।

आचार्य सुनील सागर ने कहा कि मुनि समर्थ सागर महाराज के पास गुरुवार को भाजपा के कई बड़े पदाधिकारी आए थे, लेकिन उन्होंने यही कहा था कि जब तक झारखंड सरकार अपना फैसला साफ नहीं करेगी तब तक उनका अनशन जारी रहेगा। इस अनशन को करने के दौरान उन्होंने जल तक त्याग रखा था।

इससे पहले जैन मुनि सुज्ञेयसागर महाराज ने मंगलवार (3 जनवरी 2023) को सम्मेद शिखर के लिए अपने प्राणों का त्याग किया था। इसे देखते हुए वहीं आचार्य शशांक सागर महाराज ने कहा कि जयपुर में दो मुनियों ने सम्मेद शिखर को बचाने के लिए अपना बलिदान दिया है। सीएम गहलोत को कम से कम यहाँ आकर जैन समाज का समर्थन करना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि झारखंड के गिरिडीह में बने जैन तीर्थ स्थान पर पर्यटन और इको टूरिज्म एक्टिविटी को केंद्र की ओर से रोक दिया गया है। केंद्र के फैसले के बाद अब जैन समुदाय झारखंड सरकार के फैसले का इंतजार कर रहा है। आज समग्र जैन समाज की ओर से मौन जुलूस निकाला जाना था, जिसे फिलहाल के लिए टाल दिया गया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -