संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के सदस्यों ने गुरुग्राम के सेक्टर-12ए में उसी जगह पर गोवर्धन पूजा का आयोजन किया है, जहाँ पर हर शुक्रवार खुले में नमाज पढ़ी जा रही थी। बता दें कि समिति में 22 संगठन शामिल हैं। इस पूजा में भाजपा नेता कपिल मिश्रा और डासना देवी मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती को भी आमंत्रित किया गया है। कपिल मिश्रा इस पूजा में शामिल होंगे, जबकि नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि वह निजी व्यस्तता के चलते इस कार्यक्रम में नहीं पहुँच पाएँगे।
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं नमाज के मुद्दे से अवगत हूँ। मुझे गोवर्धन पूजा के लिए आने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन मैं इसमें शामिल नहीं हो सकता क्योंकि मैं उस दिन व्यस्त हूँ। अगर मुझे कुछ समय पहले निमंत्रण मिला होता तो मैं इसमें शामिल हो जाता।”
वहीं कपिल मिश्रा ने कहा है, “समिति के सदस्यों ने गोवर्धन पूजा में शामिल होने के लिए संपर्क किया है। मैं शिरकत करूँगा। यह नागरिकों के मुफ्त सड़कों के अधिकार के लिए एक आंदोलन है और उनकी माँगे जायज हैं। हर सप्ताह सड़क जाम करने का अधिकार किसी को नहीं है। मैं इस आंदोलन का समर्थन करता हूँ। गुरुग्राम के प्रदर्शनकारी नागरिक अन्य लोगों को रास्ता दिखा रहे हैं, जो सड़कों को अवरुद्ध करने से परेशान हैं, लेकिन उनमें इतना साहस नहीं है कि वे बाहर आएँ और अपने अधिकारों की माँग करें।”
संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति ने सभी सार्वजनिक और खुले स्थानों पर नमाज का विरोध करते हुए कहा कि वो 5 नवंबर को सुबह 11 बजे सेक्टर 12ए के उसी पार्क में गोवर्धन पूजा करेगी। इस पूजा में 5000 से ज़्यादा लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष महावीर भारद्वाज ने कहा, “हम पूजा का आयोजन कर रहे हैं, जिसमें 5000 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने की उम्मीद है। प्रार्थना के बाद स्थल पर ढोल और नगाड़े बजाए जाएँगे और प्रसाद का वितरण किया जाएगा। यह शहर के अन्य स्थलों पर भी किया जाएगा या नहीं, इस पर निर्णय बाद में लिया जाएगा। हम सभी सार्वजनिक स्थानों पर नमाज का विरोध करने के लिए अपना आंदोलन जारी रखेंगे।”
बता दें कि गुरुग्राम के प्रशासन ने 8 सार्वजनिक जगहों पर नमाज की अनुमति वाला आदेश मंगलवार (2 नवंबर, 2021) को वापस लेने की घोषणा की। जनता के विरोध प्रदर्शन के बाद फैसला। स्थानीय लोग और कई हिंदू संगठनों ने इसके विरुद्ध आवाज़ उठाई थी, क्योंकि आमजनों को इससे परेशानी हो रही थी और घंटों ट्रैफिक जाम भी लग रहा था। कई अन्य इलाकों में भी स्थानीय लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई है। गुरुग्राम प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि उन जगहों पर भी यही कार्यवाही होगी।
उल्लेखनीय है कि पुलिस ने कुल 37 जगहों पर नमाज़ पढ़ने की इजाज़त दी थी। इसके विरोध में हिंदू महिलाओं के साथ बड़ी संख्या में लोग लगातार पाँच सप्ताह तक भजन-कीर्तन और नारेबाजी करते हुए सड़क पर निकल आए थे। विरोध करने की कड़ी में गुरुग्राम के सेक्टर-12-ए इलाके में पहुँचे हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों को गुरुग्राम पुलिस ने हिरासत में भी लिया था।