देश के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण अक्सर कोर्ट के फैसलों पर सवाल खड़े करते रहते हैं। भूषण के इसी व्यवहार की वजह से कई बार कोर्ट के अंदर भी न्यायाधीशों ने डाँट कर उन्हें कम बोलने की हिदायत दी है। इसके अलावा कई मामलों में कोर्ट द्वारा उन्हें अवमानना नोटिस भी भेजा गया है।
एक बार फिर सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई मामले में कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करने की वजह से प्रशांत भूषण को तीन हफ्ते में जवाब देने के लिए कहा है। दरअसल एम. नागेश्वर राव को सीबीआई के अंतरिम निदेशक बनाए जाने के मामले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज दिया गया था।
Supreme Court issues notice to advocate Prashant Bhushan on contempt plea filed by Attorney General KK Venugopal and Centre that Bhushan in his tweets said that AG Venugopal ‘wilfully&deliberately’ made false statement in a case pending in court. Next date of hearing is March 7.
— ANI (@ANI) February 6, 2019
इस मामले में कोर्ट ने राव की नियुक्ति को बरकरार रखते हुए कहा था कि नीतिगत मामले में राव कोई फैसला नहीं ले पाएँगे। सीबीआई के अंतरिम निदेशक मामले में कोर्ट के इस फैसले पर ट्वीट करके प्रशांत भूषण ने अपनी नराजगी जताई थी।
इसके बाद केंद्र सरकार और अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने प्रशांत भूषण के खिलाफ़ अवमानना की याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दायर की थी। कोर्ट ने इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रशांत भूषण को तीन सप्ताह के अंदर मामले में जवाब देने के लिए कहा है।