Friday, November 15, 2024
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बजट 2019: ‘पहला हक़ मुस्लिम का’ से ‘पहला हक़ ग़रीबों का’, 10 मुख्य बिंदु गाँव-ग़रीबों पर

ग़रीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को सस्ते दाम पर अनाज उपलब्ध कराने के लिए 2018-19 में एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा ख़र्च किया गया। 2013-14 में मात्र 92 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।

गाँव-ग़रीबों के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की सफलता पर बात करते हुए कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अपनी उपलब्धियाँ गिनाई। गोयल ने कहा कि देश के संसाधनों पर पहला हक़ गरीबों का है। उनका यह बयान पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के बयान के परिपेक्ष्य में था जिन्होंने अपने कार्यकाल में देश की संपत्ति पर पहला हक़ मुस्लिमों का बताया था।

जानिए गोयल के बजट अभिभाषण में ग़रीब-गुरबों के लिए कही गई बातों के प्रमुख अंश।

  • लगभग हर घर को बिजली का मुफ्त कनेक्शन दिया गया है। मार्च 2019 तक सभी परिवारों को बिजली का कनेक्शन मिलेगा।
  • मोदी सरकार ने मिशन मोड में निजी क्षेत्र सम्मिलित करते हुए 143 करोड़ बल्ब उपलब्ध कराए हैं। इससे सालाना 50 हजार करोड़ रुपए मूल्य की बिजली की बचत होगी।
  • पाँच साल में मोदी सरकार ने 1.53 करोड़ घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए। यह पहले के मुकाबले पाँच गुना है। 2014 तक ढाई करोड़ परिवारों के पास बिजली नहीं थी।
  • ग़रीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को सस्ते दाम पर अनाज उपलब्ध कराने के लिए 2018-19 में एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा ख़र्च किया गया। 2013-14 में मात्र 92 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।
  • मनरेगा के लिए भी 60 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
  • मोदी सरकार ने एसटी-एसटी और ओबीसी के कोटे को बरकरार रखते हुए गरीबों के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी का आरक्षण सुनिश्चित किया है।
  • इन संस्थानों में लगभग दो लाख सीटें उपलब्ध कराई जाएगी ताकि किसी भी वर्ग के लिए आरक्षित सीटों में कमी न आए।
  • 2019 में स्वच्छ भारत मिशन चलाया जाएगा।
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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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