उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले में सोमवार (13 फरवरी, 2023) को अपनी झोपड़ी पर बुलडोजर चलने के विरोध में एक माँ-बेटी ने आत्मदाह कर लिया। इस मामले में आरोपितों को नामजद किया गया है, जबकि लगभग 26 लोगों अज्ञात में आरोपित हैं। अब तक हुई कार्रवाई में JCB ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं मौके पर मौजूद थाना प्रभारी को उनके पद से हटाते हुए SDM और लेखपाल को सस्पेंड किया गया है। आगजनी की इस घटना में 22 बकरियाँ भी जल ईं हैं।
पीड़ित परिवार ने गौरव नाम के व्यक्ति को मुख्य आरोपित बताते हुए मुआवजे के तौर पर 2 भाइयों को 1-1 करोड़ रुपयों के साथ जमीन और सरकारी नौकरियों की माँग की है। ताज़ा खबर ये है कि इस मामले में SDM को भी गिरफ्तार कर लय गया है।
पड़ोसी अशोक दीक्षित ने की थी अतिक्रमण की शिकायत
इस मामले में मृतका के बेटे शिवम ने FIR दर्ज करवाई है। शिवम के मुताबिक अधिकारियों ने उन्हें बताया था कि उन्हीं के गाँव के अशोक दीक्षित ने अतिक्रमण की शिकायत अधिकारियों से की थी। इस FIR में अशोक दीक्षित को उनके भाई अनिल दीक्षित सहित नामजद किया गया है। इस गाँव मड़ौली के निर्मल दीक्षित और विशाल का नाम भी FIR में दर्ज है। इन चारों पर 1012 अज्ञात लोगों के साथ माँ-बेटी (प्रमिला और नेहा) के जलने और उनके घर पर बुलडोजर चलने के समय घटनास्थल पर मौजूद होने और घर पर JCB चलवाने में सहयोगी होने का आरोप है।
विपक्षी की ही होती थी सुनवाई
अपनी शिकायत में शिवम का आरोप है कि विपक्षी अनिल दीक्षित की शिकायत पर अधिकारी फ़ौरन सुनवाई करते थे। शिकायत के अनुसार इसी साल 14 जनवरी को SDM जनेश्वर प्रसाद बिना किसी नोटिस के पीड़ित का पक्का मकान गिरवा चुके थे। तब के फूस का छप्पर छोड़े जाने की जानकारी देते हुए शिवम ने लिखा है कि उसे खुद से हटाने के लिए उन्हें 5 से 10 दिनों का समय दिया गया था। इस दौरान भी थाना प्रभारी दिनेश कुमार गौतम 10 से 12 सिपाहियों के साथ मौजूद थे।
अपने खिलाफ हुई इस कार्रवाई की शिकायत जब पीड़ित ने जिले के DM और ADM से करनी चाही तब उसकी सुनवाई नहीं हुई। आरोप है कि उलटे उसी परिवार पर अकबरपुर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करवा के जेल भेजने की धमकी देते हुए भगा दिया गया।
100 वर्षों से रहने का दावा
जिस जगह पर SDM के नेतृत्व में भारी प्रशासनिक बल अतिक्रमण हटाने गया था उस जगह पर पीड़ित पक्ष 100 साल से ज्यादा समय से रहने का दावा कर रहा है। शिवम के मुताबिक उसी जगह उनके बाबा भी रहा करते थे। पीड़ित ने इसी जगह 20 साल से पक्के निर्माण में अपने माता-पिता के साथ रहने का दावा किया है।
बिना चेतावनी के चली JCB
घटना के दिन का जिक्र करते हुए शिवम ने अपनी शिकायत में लिखा है कि 13 फरवरी को दोपहर 3 बजे वो माता-पिता और बहन के साथ झोपड़ी में आराम कर रहा था। इस दौरान उसी झोपड़ी में 22 बकरियाँ और गोवंश भी बँधे थे। तभी SDM जनेश्वर प्रसाद, कानूनगो, लेखपाल अशोक सिंह और SHO रूरा लगभग 10 से 15 सिपाहियों को ले कर अचानक पहुँच गए। इन सभी के साथ पीड़ित के ही गाँव के अशोक दीक्षित, अनिल दीक्षित, सनेश और विशाल JCB ले कर पहुँचे।
JCB को दीपक नाम का ड्राइवर चला रहा था। आरोप है कि झोपडी में मौजूद किसी को भी अलर्ट किए बिना JCB झोपडी पर चलवा दी गई।
SDM ने कहा कि कोई बचने न पाए
पीड़ित ने अपनी शिकायत में आगे बताया है कि उनके गाँव के पड़ोसियों द्वारा प्रशासनिक अधिकरियों की मौजूदगी में जब उनकी झोपडी गिरी तब SDM जनेश्वर ने झोपडी में आग लगाने के लिए वहाँ मौजूद लोगों को ललकारा। शिकायत के मुताबिक आग लेखपाल अशोक सिंह ने लगाई और SDM ने कहा कि कोई जिन्दा न बचने पाए। शिवम के मुताबिक वो जैसे-तैसे जलती झोपडी से बाहर निकला तो SHO दिनेश गौतम ने उसे अपने साथी सिपाहियों के साथ बुरी तरह पीटा।
इसी FIR के मुताबिक शिवम की माँ प्रमिला और बहन नेहा जलती झोपडी से बाहर नहीं निकल पाईं और जल कर राख हो गईं। वहीं पीड़ित के पिता झोपडी से निकलने के दौरान बुरी तरह झुलस गए।
इन धाराओं में ये हुए आरोपित
इस शिकायत पर SDM जनेश्वर प्रसाद, SHO दिनेश गौतम, JCB ड्राइवर दीपक, लेखपाल अशोक सिंह, कानूनगो के साथ 12 से 15 पुरुष व महिला सिपाहियों को नामजद किया गया है। इन सभी के अलावा अनिल, निर्मल और अशोक दीक्षित के साथ पीड़ित के ही गाँव मड़ौली के विशाल भी FIR में आरोपित के तौर पर दर्ज हुए हैं। इन सभी के अतिरिक्त 10 से 12 अन्य अज्ञात लोग भी दर्ज हैं जो पीड़ित के आरोपित पड़ोसियों के साथ छप्पर पर JCB चलवाने में शामिल बताए जा रहे हैं।
सभी आरोपितों पर IPC की धारा 302, 307, 436, 429, 323 और 34 के तहत कार्रवाई हुई है।
गौरव दीक्षित है मुख्य सूत्रधार
ऑपइंडिया ने इस मामले में पीड़ित व शिकायतकर्ता शिवम दीक्षित से बात की। शिवम ने हमें बताया कि उसके गाँव का एक गौरव दीक्षित नाम का युवक ही इस पूरी घटना का सूत्रधार है, जिसने SDM और प्रशासन को दबाव में लिया था। हमें बताया गया कि गौरव जम्मू में भारतीय सेना में तैनात है। शिवम का दावा है कि गौरव गाँव में लगभग हर प्रकार के अवैध हथियार रखता है लेकिन उसे प्रशासन इस मामले में बचाने की कोशिश कर रहा है।
शिवम का कहना था कि जब पहले वो अपनी शिकायत प्रशासन को देते थे तो प्रशासनिक अधिकारी गौरव का नाम होने पर कोई भी कार्रवाई न करने की धमकी देते थे।
1-1 करोड़ रुपए, 5 बीघा जमीनें और 2 सरकारी नौकरी की माँग
ऑपइंडिया से बात करते हुए शिवम ने कहा कि वो 2 भाई हैं। उन्हें और उनके भाई को 1-1 करोड़ रुपए आर्थिक सहायता के साथ 5-5 बीघे जमीन का सरकारी पट्टा और दोनों भाइयों को योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी दी जाए। शिवम का कहना था कि अभी तक उन्हें प्रशासन की तरफ से कुछ भी नहीं दिया गया। हालाँकि उन्होंने कमिश्नर द्वारा 5 लाख रुपए के चेक का भरोसा देने की जानकारी दी। शिवम खुद BSC के छात्र हैं जबकि उनका भाई हाईस्कूल में पढ़ रहा।
वहीं मृतका बहन की उम्र 23 साल बताते हुए शिवम ने उन्हें LLB की छात्रा बताया।
घायल पिता को दिखना बंद
शिवम का कहना था कि घटना के बाद उनके पिता को दिखाई देना बंद हो चुका है। केस में नामजद गाँव के चारों आरोपितों ने दीक्षित जाति और एक ही परिवार का बतया। विवाद की एक वजह के तौर पर शिवम ने अपने भाई के साथ आरोपितों के पहले हुए विवाद को बताया।