सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) ने कारोबारी अनिल अंबानी समेत 25 लोगों और कम्पनियों पर बड़ी कार्रवाई की है। SEBI ने इन सभी के शेयर बाजार में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी है। SEBI ने अनिल अंबानी पर ₹25 करोड़ का जुर्माना भी ठोंका है। कई अन्य लोगों पर भी जुर्माने लगाए गए हैं। SEBI ने यह कार्रवाई रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) के लोन गड़बड़ तरीके से दिए जाने पर की है।
SEBI ने क्या कार्रवाई की?
SEBI ने RHFL के लोन गड़बड़ी मामले में 222 पेज का अपना अंतिम आदेश दिया है। SEBI ने इस आदेश में अनिल अंबानी पर 5 साल तक शेयर बाजार में हिस्सा लेने से रोक लगाई है, उन पर ₹25 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। उनके ऊपर किसी कम्पनी में प्रमुख पद लेने पर भी रोक लगा दी गई है। उनके अलावा RHFL में प्रमुख पद पर रहे अमित बापना पर ₹27 करोड़, रविन्द्र सुधालकर पर ₹25 करोड़ और पिंकेश शाह पर ₹21 करोड़ का जुर्माना ठोंका है। इन पर भी बाजार शेयर बाजार में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी गई है।
SEBI इनके अलावा RHFL पर 6 महीने का प्रतिबन्ध भी लगाया है और इस कम्पनी पर भी ₹6 लाख का जुर्माना ठोंका है। अनिल अंबानी से जुड़ी रिलायंस ग्रुप की कई अन्य कम्पनियों पर भी SEBI ने यही प्रतिबंध लगाया है। इनमें रिलायंस बिग इंटरटेनमेंट, रिलायंस कैपिटल लिमिटेड और रिलायंस ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड जैसी कम्पनियाँ शामिल हैं।
क्या है पूरा मामला?
SEBI ने पाया है कि वित्त वर्ष 2018-19 में RHFL ने कई ऐसे लोगों को हजारों करोड़ के लोन दिए जो इसके लायक नहीं थे। जिन्हें यह लोन दिए गए उनके पास इन्हें चुकाने के साधन ही नहीं थे और कई तो पहले ही बड़े कर्जे में डूबे हुए थे। RHFL ने इनकी पृष्ठभूमि पर ध्यान दिए बिना ही लोन बाँट दिए।
RHFL ने लगातार लोन देने सम्बन्धी प्रक्रियाओं को नजरअंदाज किया। RHFL यह सब तब भी करती रही जब कम्पनी के बोर्ड ने उसे इस पर ध्यान देने को कहा। इस दौरान प्रमोटर के तौर पर अनिल अंबानी ने इन सभी लोन को दिलाने में अपना प्रभाव डाला। इसके अलावा अमित बापना ने कम्पनी के CFO के तौर पर यह लोन जारी किए और CEO रविन्द्र सुधालकर ने इन लोन को आगे उन फर्जी कम्पनियों और लोगों तक पहुंचाने का काम किया।
SEBI ने जाँच में यह पाया कि जिन कम्पनियों को RHFL ने लोन दिया, असल में वह अनिल अंबानी से जुड़ी हुई हैं। ऐसे में RHFL का पैसा घुमा फिरा कर अनिल अंबानी के पास पहुँचा। इन सब कामों के लिए नियमों का जम कर उल्लंघन किया गया। कंपनी का पैसा अनिल अंबानी तक पहुँचाने के लिए इसे लोन का नाम दिया गया था। RHFL ने जो लोन बिना देखे परखे दिए थे। उनमें से अधिकांश वापस नहीं आए। उन्हें NPA घोषित करना पड़ा।
RHFL दिए गए लोन वापस ना आने के कारण खुद भी दिवालिया होने की स्थिति में पहुँच गई। उसने अपने लोन पर डिफ़ॉल्ट करना चालू कर दिय़ा। इसके बाद कम्पनी के अपने संसाधन खत्म होने चालू हो गए। RHFL के निवेशकों को भी इससे बड़ा नुकसान हुआ। RHFL का शेयर 2018 में जहाँ लगभग ₹60-₹65 के आसपास था तो वहीं 2020 में यह ₹.75 पैसे पहुँच गया। SEBI की इस कार्रवाई के कारण रिलायंस की अन्य कम्पनियों के शेयरों पर भी प्रभाव पड़ा है।