मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ ट्विटर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में पुलिस ने एक वकील के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया है। रविवार (मार्च 15, 2020) की दोपहर पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहाँ से उसे जेल भेज दिया गया। आरोपित वकील अब्दुल हन्नान के खिलाफ आईटीएक्ट और देशद्रोह की धारा में FIR दर्ज की गई है।
अब्दुल हन्नान के ट्विटर अकाउंट से सीएम के बारे में अभद्र ट्वीट किए गए थे। साथ ही सरकार की नीतियों के बारे में भी गलत बातें लिखीं गई थीं। कुछ ऐसी भड़काऊ बातें भी लिखी थीं, जिससे सामाजिक सौहार्द्र बिगड़ने की आशंका थी। इस बारे में अधिकारियों ने डीआईजी अनंत देव को ट्विटर के माध्यम से जानकारी दी। इसके बाद कल्याणपुर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की।
जाँच के लिए साइबर सेल प्रभारी इंस्पेक्टर लान सिंह की टीम को लगाया गया। पुलिस ने देशद्रोह की धारा 124 (ए) और आइटी एक्ट की धारा 67 के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। कल्याणपुर थाना प्रभारी अजय सेठ ने बताया कि ट्विटर से आपत्तिजनक पोस्ट को डिलीट करवा दिया गया है। इसके साथ ही आरोपित के फॉलोवर्स और उससे जुड़े अन्य संदिग्धों की भी जाँच की जा रही है। कुछ आपत्तिजनक मिला तो सभी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
दरअसल उत्तर प्रदेश रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश के ड्राफ्ट को मंजूरी मिलने के बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। 13 मार्च को भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी की ओर से ट्विटर पर मुख्यमंत्री के भाषण का एक वीडियो डालने के बाद कल्याणपुर केशवपुरम निवासी अधिवक्ता अब्दुल हन्नान ने इसे रीट्वीट कर मुख्यमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी।
शलभमणि त्रिपाठी ने वीडियो के कैप्शन में लिखा, “तुम कागज नहीं दिखाओगे, और दंगा भी फैलाओगे, तो हम लाठी भी चलवाएँगे, घरबार भी बिकवाएँगे….और हाँ पोस्टर भी लगवाएँगे।” इसी ट्वीट को रिट्वीट करते हुए अब्दुल हन्नान ने रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ को ‘आतंकवादी’ बता दिया था।
एक अन्य ट्वीट में हन्नान ने ये भी ऐलान किया कि वह प्रदर्शनकारियों को मुफ्त में कानूनी मदद मुहैया कराएगा और साथ ही सभी ‘संविधान के चाहने वालों’ से अपील भी की कि वह इस ट्वीट को शेयर करें।