‘किसान आंदोलन’ को लेकर बहस का दायरा देश से बढ़ कर दुनिया तक पहुँच चुका है। अमेरिकी-कैरेबियाई गायिका रिहाना के इस मुद्दे पर ट्वीट करने के बाद तमाम मशहूर भारतीय नाम एकजुट होकर आगे आए।
सोशल मीडिया पर #Indiatogether अभियान को आगे बढ़ाने वालों में सबसे नया नाम है जम्मू कश्मीर के पूर्व आईएएस (IAS) अधिकारी शाह फैसल का। संघ लोक सेवा आयोग 2010 की परीक्षा में पहला पायदान हासिल करने वाले फैसल ने सचिन तेंदुलकर के ट्वीट को रीट्वीट किया।
रीट्वीट करते हुए शाह फैसल ने लिखा, “हाँ! घर की बात घर के अंदर ही अच्छी।”
Yes. Ghar ki baat ghar ke andar hi achi. https://t.co/yxEfHUxJjK
— Shah Faesal (@shahfaesal) February 3, 2021
दरअसल सचिन तेंदुलकर ने किसान आंदोलन पर रिहाना के ट्वीट की प्रतिक्रिया में ट्वीट किया था। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था, “भारत की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता है। बाहरी लोग दर्शक हो सकते हैं लेकिन भागीदार नहीं। भारतीय लोग भारत को जानते हैं और उन्हें ही भारत के लिए निर्णय लेना चाहिए। हमें एक मज़बूत देश की तरह साथ खड़े रहना होगा।”
इसके बाद एक ट्विटर यूज़र ने शाह फैसल के बीबीसी के साथ साक्षात्कार का वीडियो साझा किया। ट्वीट में यह सवाल पूछा गया, “क्या बीबीसी को दिया गया ये इंटरव्यू भी एक गलती थी? क्या आपको इसका पछतावा है?”
Was this BBC interview a mistake? Do you regret it? 🤔 pic.twitter.com/Grg6zjHkYd
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) February 3, 2021
इस साक्षात्कार में शाह फैसल ने जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने पर भारत सरकार का जम कर विरोध किया था। इस ट्वीट का जवाब देते हुए फैसल ने लिखा, “हाँ बिलकुल! मुझे भारत के आंतरिक मसलों पर वैश्विक जनता से संवाद करते हुए अपने शब्दों के साथ कहीं ज़्यादा सावधानी बरतनी चाहिए थी।”
Oh yes. One would have to be far more careful with words when talking about India’s internal matters to a global audience.
— Shah Faesal (@shahfaesal) February 3, 2021
इसमें उन्होंने कहा था कि 1953 में उनके दादा की पीढ़ी के साथ धोखा किया गया था। 1987 में जम्मू कश्मीर के चुनाव के दौरान उनके पिता जी की पीढ़ी के साथ धोखा हुआ और लोकतांत्रिक संस्थानों-प्रक्रियाओं का ढाँचा ही बिगाड़ दिया गया था। अब जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद उनकी पीढ़ी के साथ भी वही हुआ।
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पूर्व IAS अधिकारी शाह फैसल अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुरीद भी होते नज़र आए। उन्होंने भारत को ‘जगत गुरु’ की संज्ञा दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2021 को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कुछ स्वास्थ्य कर्मचारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की थी, इसमें कर्मचारियों ने टीकाकरण से जुड़े अपने अनुभव साझा किए थे।
इसी वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए शाह फैसल ने लिखा था कि ये सिर्फ एक टीकाकरण अभियान ही नहीं है, बल्कि उससे कहीं ज्यादा है। लोग उनके इस बदले रवैये से हैरान दिखे। शाह फैसल ने आगे लिखा, “ये सुशासन, मानव संसाधन का संगठन, राष्ट्र निर्माण और भारत के जगत गुरु के रूप में वैश्विक नेता के रूप में सामने आने – इन सबका गठजोड़ है।”